सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से ही इंडस्ट्री में नेपोटिज्म के अलावा इनसाइडर और आउटसाइडर का मुद्दा गर्माया हुआ है और इस बारे में इंडस्ट्री से जुड़े कई लोग भी अपने अनुभव शेयर कर चुके हैं। हाल ही में लेखक और फिल्ममेकर हरिंदर सिंह सिक्का ने फिल्म 'राजी' की निर्देशक मेघना गुलजार पर कई प्लेटफॉर्म्स पर उन्हें क्रेडिट नहीं देने का आरोप लगाया।
सिक्का ने कहा कि मेघना ने ना सिर्फ जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल और फिल्मफेयर अवॉर्ड से उनका नाम हटवा दिया, बल्कि मेरी किताब की लॉन्चिंग में भी अड़चने डालीं। उन्होंने कहा कि मेरे पास इस बात का सबूत है कि मेघना ने किस तरह जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल से मेरा नाम बाहर करवाया। ये आरोप उन्होंने एक अंग्रेजी न्यूज चैनल से हुई बातचीत के दौरान लगाए।
'मेरा नाम हटवाने के लिए दबाव डाला'
हरिंदर बोले- 'मेरे पास उस ईमेल की कॉपी है जिसे लिट्रेचल फेस्टिवल के प्रमुख ने मुझे भेजा था। उस मेल में उन्होंने लिखा था, 35 साल के मेरे करियर में मैंने कभी किसी को एक शख्स का नाम हटवाने के लिए इस तरह मुझ पर दबाव बनाते हुए नहीं देखा। इस केस में गुलजार ने ये काम किया।'
'किताब छपने में दिक्कतें खड़ी कीं'
आगे उन्होंने कहा, 'मेघना ने क्या किया मैं बताता हूं, मेरी किताब को छपने में दिक्कते खड़ीं कीं, ताकि सारा क्रेडिट उन्हें मिल सके, जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल, फिल्मफेयर अवॉर्ड, द बेस्ट ओरिजिनल स्टोरी अवॉर्ड जो मुझे मिलना था, वहां से मेरा नाम हटा दिया गया और ये अवॉर्ड 'अंधाधुंध' नाम की एक फिल्म को दे दिया गया, जो कि एक फ्रेंच बुक की कॉपी थी, क्योंकि वहां से मुझे हटा दिया गया था।'
'बाहरी होने की वजह से हुआ ये व्यवहार'
इसके अलावा सिक्का ने फिल्म 'छपाक' का नाम लेकर कहा कि उस फिल्म में भी मेघना ने दिल्ली के एक छोटे से वकील को क्रेडिट नहीं दिया। उन्होंने कहा, 'रवीना टंडन के पिता रवि टंडन के साथ क्या हुआ था। इंडस्ट्री में माफियाओं का पूरा इतिहास रहा है। मैं किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं हूं। मेरे साथ ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मैं बाहरी था।'
'मेरी फिल्म 'नानक शाह फकीर' जो ऑस्कर अवॉर्ड के लिए जाने वाली थी, लेकिन उसे नहीं जाने दिया गया, क्योंकि बॉलीवुड से कोई आया और कहने लगा कि नहीं ये एक आउटसाइडर है, हम अपनी फिल्म भेजेंगे।'
'मैंने मेघना के पिता से वादा किया था'
इससे पहले न्यूज 18 को दिए पुराने इंटरव्यू में हरिंदर ने मेघना पर फिल्म 'राजी' की स्पेशल स्क्रीनिंग के लिए आमंत्रित नहीं करने आरोप भी लगाया था। उन्होंने कहा था, 'मैंने गुलजार से वादा किया था कि मैं निर्देशक के रूप में मेघना को ही लूंगा। साथ ही मैंने आलिया भट्ट को भी मुख्य अभिनेत्री के रूप में लेने की बात कही थी। मैंने स्क्रीनप्ले पर भी आपत्ति जताई थी। मुझे फिल्म की प्री-रिलीज स्क्रीनिंग के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था।'
'उन्होंने कहानी का ताना-बाना ही बदल दिया'
उन्होंने कहा था, 'इस इवेंट के बारे में मुझे फिल्म की रिलीज के बाद पता चला था। जब आलिया ने मुझे मैसेज करके पूछा कि आपको फिल्म कैसी लगी? वो एक प्यारी लड़की है और उसके बिना ये फिल्म हिट नहीं हो सकती थी। सेहमत (आलिया का किरदार) बाद में अवसाद में चली गई थी लेकिन मेकर्स ने फिल्म को वहीं खत्म कर दिया। जिससे कहानी का ताना-बाना ही बदल गया। इस वामपंथी दृष्टिकोण ने कहानी को मार डाला।'
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