बॉलीवुड डेस्क. दुनियाभर में प्यार का दिन वैलेंटाइन डे मनाया जा रहा है। इस मौके पर जानते हैं महानायक अमिताभ बच्चन और उनकी पत्नी जया बच्चन की प्रेम कहानी, जिसका जिक्र बिग बी ने अपने ब्लॉग में किया था। बिग बी ने लिखा था- जब मेरी शादी जया जी से तय हुई तब मैं जेवीपीडी स्कीम सोसाइटी की सातवें नंबर की सड़क पर एक किराए के घर में रहता था, जिसका नाम ‘मंगल’ था। हम दोनों की शादी किसी अतिरंजना और दिखावे भरे सेलिब्रेशन के बिना ही सादगी से ही हो गई थी। केवल दो परिवार इकट्ठा हुए और शादी हो गई। इसके बाद हम दोनों लंदन रवाना हो गए। यह लंदन की केवल मेरी ही पहली यात्रा नहीं थी, बल्कि जया भी जिंदगी में पहली बार लंदन जा रही थीं।
इससे पहले हमारी फिल्म जंजीर को अच्छी खासी सफलता मिली थी। इस दौरान हमारे दोस्तों के ग्रुप ने डिसाइड कर लिया था कि यदि यह फिल्म अच्छा प्रदर्शन करती है तो फिर हम सभी दोस्तों की गैंग लंदन शहर में छुट्टियों का लुत्फ उठाने जाएंगे। हम सब के वहां जाने की सूचना देने और अनुमति लेने के लिए मैं बाबूजी के पास गया। उन्होंने उसी वक्त प्रश्न दाग दिया- ‘तुम्हारे साथ और कौन-कौन जा रहा है।’ मैंने उन्हें वहां जाने वाले नामों की सूची गिनाई।
उनका प्रतिप्रश्न आया- ‘तुम्हारे साथ जया भी जा रही है। और तुम दोनों अकेले वहां जा रहे हो।’
मैंने जवाब दिया- ‘हां’
वे बोेले- ‘यदि तुम दोनों साथ लंदन जाना चाहते हो, तो पहले शादी करो, फिर वहां जाओ।’
मेरे मुंह से निकला- ‘ओके’
उसी समय दोनों परिवारों को और पंडितजी को सूचना दी गई। अगले दिन जल्दी-जल्दी सारे इंतजाम किए गए। उसी शादी वाले दिन रात को हमारी लंदन की फ्लाइट थी। फ्लाइट के समय से पहले ही शादी की रस्में पूरी करनी थीं। मालाबार हिल पर हमारी शादी का स्थल तय था। वहां जया की फ्रेंड्स रहती थीं और वहीं सभी रस्में की जानी थीं। मैं अपनी विवाह की पारंपरिक भारतीय पोशाक पहनकर तैयार हुआ और वहां जाने के लिए अपनी कार की ड्राइविंग सीट पर बैठ गया और खुद ही गाड़ी चलाकर जाने की तैयारी करने लगा।
यह देखकर मेरे ड्राइवर नागेश ने मुझे ड्राइविंग सीट से पकड़कर खींचा और बोला- ‘शादी की जगह तक गाड़ी चलाकर तो मैं आपको ले जाऊंगा।’ तो इस तरह वह गाड़ी ही हमारे लिए दूल्हे की बारात में चलने वाली घोड़ी का विकल्प बनी थी। जैसे ही हम शादी के रवाना होने वाले थे, तभी बूंदाबांदी शुरू हो गई। यह देखकर हमारे पास-पड़ोस वाले मेरी तरफ तरफ तेजी से दौड़कर आए और बोले- ‘बारिश अच्छा शगुन है, अब जल्दी से जाओ।’ तब हम वहां से निकले। चंद घंटों में ही हमारी शादी संपन्न हो गई और ऐसे हम घोषित तौर पर बन गए मिस्टर एंड मिसेज बच्चन!
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