मुंबई (मनीषा भल्ला). बॉलीवुड पर इन दिनों सीक्वल्स का खुमार है। पिछले 2.5 महीनों में 5 सीक्वल फिल्में रिलीज हो चुकी हैं। इनमें स्ट्रीट डांसर 3डी (एबीसीडी 3), लव आजकल, शुभ मंगल ज्यादा सावधान, बागी 3 और अंग्रेजी मीडियम शामिल हैं। साल के अंत तक 8 सीक्वल फिल्में और आएंगी, यानी एक साल में 13 सीक्वल्स। ये संख्या और बढ़ भी सकती है। अगले साल के लिए 10 से ज्यादा सीक्वल्स की घोषणा हो चुकी है। वहीं सफलता के आंकड़े कुछ और बयां कर रहेहैं,क्योंकि इनकी सफलता की दर लगातार घट रही है।
अगर आखिरी 5 सीक्वल्स की कमाई पर नजर डाली जाए तो 5 में से 4 फिल्मों की कमाई घटी है। जब हमने 2017, 2018 और 2019 में रिलीज हुई 24 प्रमुख सीक्वल्स पर नजर डाली तो पाया कि इनमें से 70% फिल्मों के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन में कमी आई। ऐसी फिल्मों को हो रहे घाटे पर 'हिंदी मीडियम' के लेखक और फिल्म प्रोडयूसर अमितोष नागपाल का कहना है कि दूसरी फिल्म बनाते वक्त सिर्फ बिजनेस हावी रहता है।
दूसरी फिल्म बनाते वक्त सिर्फ कमाई पर ध्यान
नागपाल ने कहा'हमारे सीक्वल सफल नहीं हो पाते क्योंकि पहली दफा में फिल्म बिजनेस समेत तमाम पहलुओं पर बहुत बारीकी से ध्यान दिया जाता है लेकिन बाद में सिर्फ बिजनेस हावी होता है। प्रोडयूसर को भरोसा होता है कि जिसने पहली फिल्म देखी है वह दूसरी भी जरूर देखेगा, अब वो पहली बार में तो ब्रांड बना लेता है दूसरी बार में जरूरी नहीं कि कहानी उतनी दमदार हो।' आगे नागपाल ने कहा'रोहित शेट्टी के कुछ सीक्वल को छोड़ दिया जाए तो बाकी फिल्मों के सीक्वल कुछ नहीं कर पाए।
हॉलीवुड में पहले ही प्लान हो जाते हैं सीक्वल
फिल्म 'ड्रीमगर्ल' के एसोसिएट प्रोडयूसर अक्षत आर सलूजा बताते हैं कि सीक्वल इसलिए बनते हैं क्योंकि यह सेफ बेट है। उसका ऑडियंस पक्का रहता है लेकिन फेल इसलिए हो जाते हैं क्योंकि फ्रेंचाइजी मॉडल होना ही काफी नहीं होता है। पहली फिल्म की कहानी पर जो मेहनत की जाती है वह सीक्वल में कहीं न कहीं ढीली हो जाती है।'फिल्म ट्रेड एक्सपर्ट अतुल मोहन बताते हैं कि हॉलीवुड में जब फिल्म बनाई जाती है तो पहले ही सीक्वल प्लान कर लेते हैं। लेकिन हमारे यहां कोई फिल्म चल जाए तो सोचते हैं कि अरे वाह, फिल्म चल गई, चलो सीक्वल अनाउंस कर देते हैं।
कई तरह के बन रहे हैं सीक्वल
सीक्वल्स कई प्रकार के बन रहे हैं और इन्हें 'स्पिन ऑफ' या 'स्प्रिचुअल' सीक्वल कहा जा रहा है। 'स्पिन ऑफ' यानी पिछली फिल्म के कुछ किरदारों को लेकर कहानी, वहीं 'स्प्रिचुअल' सीक्वल का मतलब है कि सीक्वल पुरानी कहानी पर आधारित नहीं होता, लेकिन उसमें पुरानी फिल्म की थीम, स्टाइल, एलीमेंट आदि होते हैं। कुछ फिल्मों में किरदार वही होते हैं, लेकिन कहानी नई होती है। अब कृष, नो एंट्री, खलनायक, मुन्नाभाई, इश्क विश्क और कांटे जैसी फिल्मों के सीक्वल्स की भी चर्चा हो रही है।
इस साल आने वाले सीक्वल्स:लूडो (लाइफ इन अ मेट्रो सीक्वल) (24 अप्रैल), बंटी और बबली 2 (26 जून), सड़क 2 (10 जुलाई), भूल भुलैया 2 (31 जुलाई), हंगामा 2 (14 अगस्त), सत्यमेव जयते 2 (2 अक्टूबर), केजीएफ: चैप्टर 2 (23 अक्टूबर), दोस्ताना (दिसंबर)। अगले साल के सीक्वल्स- एक विलेन, गो गोवा गॉन, प्यार का पंचनामा, हेराफेरी, दोस्ताना, हीरोपंती, बधाई हो, बॉब विश्वास (‘कहानी’ का स्पिनऑफ)।
आखिरी 5 सीक्वल्स की कमाई
सीरीज | नई फिल्म | पिछली फिल्म |
कमांडो | 40 करोड़ | 34 करोड़ |
मर्दानी | 67.12 करोड़ | 89.7 करोड़ |
दबंग | 158.5 करोड़ | 150 करोड़ |
स्ट्रीट डांसर-3 | 95 करोड़ | 165 करोड़ |
लव आजकल | 53 करोड़ | 113 करोड़ |
सीक्वल के मुकाबले हिट फिल्में
साल | सीक्वल | हिट |
2016 | 12 | 01 |
2017 | 09 | 03 |
2018 | 07 | 03 |
2019 | 06 | 03 |
2020 | 13 |
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