बॉलीवुड डेस्क. साउथ कोरियन फिल्म 'पैरासाइट' को 92वें एकेडमी अवॉर्ड में बेस्ट पिक्चर का अवॉर्ड मिला। ऑस्कर के इतिहास में यह पहली बार हुआ है, जब किसी नॉन-इंग्लिश फिल्म को यह अवॉर्ड दिया गया है। बॉलीवुड सलेब्स 'पैरासाइट' की इस उपलब्धि पर बधाई दे रहे हैं। प्रियंका चोपड़ा ने इस मौके को इमोशनल बताया है। उन्होंने ट्विटर पर फिल्म की टीम को बधाई दी है।
पैरासाइट को जीतते देखना इमोशनल : प्रियंका
प्रियंका ने अपनी पोस्ट में लिखा है, "वाह! इंग्लिश सबटाइटल्स के साथ कोरियाई भाषा में बनी पैरासाइट जैसी अंतर्राष्ट्रीय फिल्म को दुनियाभर के दर्शकों से मिला प्यार और सबसे प्रतिष्ठित फिल्म एकेडमी से इस तरह का सम्मान पाते देखना इमोशनल है। यह प्रतिनिधित्व का वक्त है। इंसान के तौर पर, एंटरटेनर्स के तौर पर, हम एंटरटेनमेंट माध्यम में एक हैं। हमारी कला में सीमाओं और भाषाओं को पार करने की शक्ति है। आज रात पैरासाइट ने बिल्कुल यही साबित किया है। पैरासाइट की पूरी टीम को परिपाटी तोड़कर पहली नॉन-इंग्लिश फिल्म के तौर पर बेस्ट पिक्चर का अवॉर्ड जीत इतिहास रचने के लिए बहुत-बहुत बधाई।"
अश्विनी ने लिखा- उम्मीद है हर सपना पूरा होने की
कंगना रनोट स्टारर 'पंगा' की डायरेक्टर अश्विनी अय्यर तिवारी ने पैरासाइट को बधाई देते हुए लिखा है, "किस्सागोई की दुनिया वाकई बदल रही है और यह हमें देखना है। अब उम्मीद है कि इस बात से फर्क नहीं पड़ता है कि आप कौन हैं? या कहां से हैं, कोई भी ख्वाब पूरा हो सकता है। हमें हर दिन इसी सोच के साथ जीना है और सांस लेना है।"
##करन जोहर ने लिखा- रोमांचित हूं
करन जौहर ने अपने ट्वीट में लिखा है, "पैरासाइट की जीत से रोमांचित हूं। 2019 की मेरी पसंदीदा इंटरनेशनल फिल्म है। पूरी टीम को सलाम।"
##पैरासाइट को इन कैटेगरी में भी अवॉर्ड मिले
बेस्ट पिक्चर अलावा, बॉन्ग जून हो को 'पैरासाइट' के लिए बेस्ट डायरेक्टर चुना गया। उन्हें बेस्ट ओरिजिनल स्क्रीनप्ले का अवॉर्ड भी दिया गया है। फिल्म ने बेस्ट इंटरनेशनल फिल्म की कैटेगरी में भी अवॉर्ड जीता है।
कुछ ऐसी है पैरासाइट की कहानी
'पैरासाइट' की कहानी बहुत ही मार्मिक है और इसमें समाज व्यवस्था पर तंज कसा गया है। कहानी दो दक्षिण कोरियाई परिवारों के साथ आगे बढ़ती है। इन दोनों परिवारों में 4-4 सदस्य हैं, माता-पिता और दो भाई-बहन हैं। ये शहर में रहते हैं और दोनों परिवारों में एक बेहद अमीर जबकि दूसरा गरीब है। दोनों परिवार रोजमर्रा के संघर्ष से मुकाबला करते हैं, लेकिन दोनों की जरूरतें बिल्कुल अलग है। कुल मिलाकर फिल्म स्पष्ट रूप से परिवार, पैसा और प्राथमिकताओं को बड़े मार्मिक तरीके से परदे पर उतारती है।
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