बॉलीवुड डेस्क. हालिया रिलीज फिल्म 'बागी 3' में जैकी श्रॉफ ने पहली बार बेटे टाइगर श्रॉफ के साथ काम किया है। इस मौके पर दैनिक भास्कर से खास बातचीत में उन्होंने टाइगर के बचपन से लेकर स्क्रीन शेयर करने तक के जज्बात बयां किए। जैकी ने बताया ‘पहली बार बेटे टाइगर के साथ स्क्रीन शेयर की है। बेशक, बहुत खुशी हुई। जिंदगी में कुछ अच्छी चीजें होती हैं। बच्चे के साथ पर्दे पर दिखाई दिया। मेरे जाने के बाद भी ये यादें रह जाएंगी।'
उन्होंने आगे कहा, 'टाइगर को काम करते हुए छह सात साल हो गए। उसके साथ काम करने के लिए तमाम स्क्रिप्ट भी आईं। अब जाकर उसके साथ में काम करने की जो तमन्ना थी, वह पूरी हुई है। उनके साथ काम किया जिन्होंने मेरे बच्चे को इंडस्ट्री में लॉन्च किया था। मेरे बच्चे को इंडस्ट्री में जन्म दिया है साजिद भाई ने। उनके प्रोडक्शन में मौका मिलना ब्लेसिंग है। फिल्म में भले ही मेरा छोटा सा रोल है पर मेरे लिए इतना ही काफी है।'
टाइगर नाम रखने के पीछे रोचक किस्सा
बातचीत के दौरान जैकी ने कहा, 'टाइगर श्रॉफ का नाम टाइगर रखने का एक रोचक किस्सा है। टाइगर जब छोटा था, तब अपने नाखून से मेरा चेहरा नोंचता था। मेरी आंखों को वह खाने की कोशिश करता था। आंखें देखता था तो उसे लगता था कि यह खाने की चीज है। इसलिए खाने के लिए झपटता था। तब वह साल-दो साल का ही था। उसकी यह बातें देखकर मुझे लगा कि उसका नाम टाइगर होना चाहिए, क्योंकि यह तो काट रहा है।'
'कम बोलता है, अपना काम करता है'
टाइगर को पहली बार गोद में लेने का अनुभव शेयर करते हुएजैकी ने कहा, 'पहली बार उसको गोद में उठाने की खुशी आखिर कैसे व्यक्त करूं! यह तो एक बाप ही महसूस कर सकता है। उसके साथ की मेरे पास एक तस्वीर है, जिसमें वह मेरे सीने पर लेटकर सोया है। तस्वीर में हम दो लोग हैं पर हमारी सांसें एक है। टाइगर बचपन में बहुत शांत स्वभाव का था। दिनभर अपने में ही उलझा रहता था। चुप रहता था और पता नहीं क्या सोचता था? अभी भी सोचता ही रहता है। ज्यादा बोलता नहीं है। बस, अपना काम करता रहता है। बोलता है, पापा बोलकर क्या करूंगा? काम करके दिखाऊं तो वही अच्छा है।'
'अब टाइगर केनाम से जाना जाता हूं'
आगे उन्होंने कहा, 'अभी उसके बर्थडे पर मैंने सोशल साइट पर लिखा कि आपने छोटी-सी उम्र में मुझे एक आईडेंटिटी दी है। इस बात का बहुत शुक्रगुजार हूं। मैं टाइगर के बाप के नाम से जाना जाता हूं, यह अच्छा लगता है। मेरा जितना नाम है, वह ठीक है। लेकिन उसके आगे उसने मेरा नाम अगले पायदान पर पहुंचा दिया। अभी उसको बॉलीवुड इंडस्ट्री में आए कम वक्त हुआ है पर बहुत मेहनत से काम कर रहा है। अपने बच्चे को -7 डिग्री में भी डेडिकेशन के साथ काम करता हुआ देखता हूं तो खुशी होती है। उसका सुबह छह-साढ़े छह बजे उठकर तैयार हो जाना, रात साढ़े 10 बजे सो जाना। ज्यों-ज्यों उसकी रिस्पॉन्सबिल्टी बढ़ती जा रही है, त्यों-त्यों उसका यह डिसिप्लिन बढ़ता ही जा रहा है।'
'बेटा तो आखिर बेटा ही होता है'
बेटे के साथ काम करने को लेकर जैकी ने कहा, 'बेटे के साथ काम करने का अनुभव अच्छा और सुखद रहा। बच्चे को पहली बार शूट करते हुए अपनी आंख से देखना एक अलग बात थी। परदे पर एक बाप का रोल प्ले कर रहा था और बाहर एक बाप हूं। मैं उसका काम देख रहा था लेकिन उसकी सीरियसनेस में ऐसा खो गया कि कब सीन शूट कर लिया गया, पता नहीं चला। आखिर बेटा तो बेटा ही होता है।' (...जैसा उमेश कुमार उपाध्याय को बताया)
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