सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच दो केंद्रीय एजेंसियां सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रही हैं। इस बीच एक न्यूज चैनल ने अभिनेता की मौत वाले दिन के कुछ अनसीन वीडियो मिलने का दावा किया है, जिनमें नजर आ रहे एक आदमी और एक महिला को संदिग्ध बताया जा रहा है। इस आदमी और मिस्ट्री वुमन को लेकर सुशांत के परिवार ने सवाल उठाया है।
वीडियो में क्या दिखाई दे रहा?
रिपब्लिक टीवी द्वारा जारी किए गए इस वीडियो में ब्लैक ड्रेस में एक आदमी सुशांत की पार्थिव देह के पास काला बैग पकड़े नजर आ रहा है। इसने लाइट पिंक कलर की कैप लगाई हुई है। इसे सुशांत का हाउस मैनेजर दीपेश सावंत बताया जा रहा है। इस आदमी को बैग थामे सीढिय़ों से उतरते भी देखा जाता है।
इसी वीडियो में ब्लू और व्हाइट रंग की स्ट्रिप्ड शर्ट पहने एक लड़की भी सुशांत के बिल्डिंग कंपाउंड दौड़ती नजर आती है। वह जाकर इस ब्लैक ड्रेस वाले शख्स से मिलती है और कुछ बात करती है। इसके बाद ब्लैक ड्रेस वाले शख्स के हाथ से बैग गायब नजर आता है। खास बात यह है कि जिस समय यह सब हो रहा होता है, तब मुंबई पुलिस भी वहीं मौजूद रहती है।
क्या है परिवार का सवाल?
वीडियो देखने के बाद सुशांत के फैमिली वकील विकास सिंह ने संदिग्ध शख्स, बैग और महिला की पहचान को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, "अगर कोई आदमी घर से कुछ लेकर जा रहा है तो यह संदिग्ध है। अगर वह किसी लड़की से बात करता है, जो बाद में गायब हो जाती है। यह बहुत ही संदिग्ध है। उस लड़की की पहचान की जानी चाहिए।" विकास सिंह ने इसे लेकर मुंबई पुलिस को भी घेरा है। उनका कहना है कि मुंबई पुलिस की मौजूदगी में कैसे एक अनजान शख्स और महिला क्राइम सीन में आ-जा सकती है। उन्होंने संदेह जताया है कि कहीं यह सब सबूत मिटाने के लिए तो नहीं किया गया?
सिंह ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर उठाया सवाल
विकास सिंह ने सुशांत सिंह राजपूत की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर सवाल उठाया है। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में सिंह ने कहा, "मैंने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट देखी है। इसमें मौत का समय नहीं लिखा है, जो कि बहुत ही जरूरी जानकारी है। उसे मारकर लटकाया गया या वह लटककर मरा? यह सब मौत के समय से ही स्पष्ट होता है।"
सिंह ने आगे कहा, "सबूत गायब होने से सीबीआई का काम मुश्किल होगा। मुंबई पुलिस बहुत सक्षम है, लेकिन इस मामले में वह फिसल गई। कहा जा रहा है कि सुशांत ने सुबह जूस पिया था। लेकिन किसी ने भी उन्हें जूस पीते नहीं देखा। ऐसे में पोस्टमॉर्टम में दी गई समय की डिटेल से ही पता चलेगा कि कहीं उनकी मौत एक रात पहले तो नहीं हुई? कूपर अस्पताल से तो किसी को भी आसानी से कोई भी सर्टिफिकेट मिल जाता है। यह बहुत बदनाम हॉस्पिटल है। सुशांत को पोस्टमॉर्टम के लिए वहां ले जाना संदिग्ध है।"
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