सुशांत सिंह राजपूत डेथ केस में सीबीआई आज रिया चक्रवर्ती से पूछताछ कर सकती है। वे इस पूरे मामले की प्राइम सस्पेक्ट हैं। उन पर सुशांत के खाते से 15 करोड़ रुपए की हेराफेरी करने और उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि सीबीआई केस बनाना चाहती है। इसलिए एजेंसी के अधिकारी मामले के प्रमुख संदिग्धों से जल्द से जल्द पूछताछ की प्लानिंग में है।
चाबी बनाने वाले के बयान भी हो सकते हैं दर्ज
रविवार को सीबीआई के अधिकारी उस चाबी बनाने वाले के बयान भी दर्ज कर सकती है, जिसने 14 जून को सुशांत के कमरे का लॉक खोला था। मोहम्मद रफीक नाम के इस शख्स ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में दावा किया है कि सिद्धार्थ पिठानी ने उसे फोन करके बुलाया था और लॉक खुलते ही 2000 रुपए देकर वहां से रवाना कर दिया था। रफीक के मुताबिक, उस वक्त फ्लैट में चार लोग (कुक नीरज, केशव, हाउस मैनेजर सैमुअल मिरांडा और फ्लैट-मेट सिद्धार्थ पिठानी) मौजूद थे। लेकिन किसी के चेहरे पर कोई तनाव नहीं था। जब मुंबई पुलिस ने उसे दोबारा उसी फ्लैट पर बुलाया, तब उसे पता चला कि वह कमरा सुशांत सिंह राजपूत का था।
सिद्धार्थ पिठानी से फिर से हो सकती है पूछताछ
सुशांत के फ्लैट-मेट और दोस्त रहे सिद्धार्थ पिठानी से शनिवार को मुंबई पुलिस ने पूछताछ की थी। रविवार को एक बार फिर उनसे सवाल-जवाब हो सकते हैं। रिपोर्ट्स की मानें सिद्धार्थ पिठानी इकलौते शख्स हैं, जिन्होंने सुशांत को सीलिंग फेन से लटका हुआ देखा था और उन्होंने ही अभिनेता को फंदे से उतारकर बेड पर लिटाया था।
शनिवार को क्या हुआ?
शनिवार को सीबीआई सुशांत के फ्लैट भी पहुंची। यहां करीब 6 घंटे तक पड़ताल की। सूत्रों के मुताबिक, सुशांत के वजन के बराबर एक डमी को ले जाकर मौत के सीन (14 जून) को रीक्रिएट किया गया।
जांच एजेंसी अभिनेता के कुक नीरज सिंह, दीपेश सावंत और सिद्धार्थ पिठानी को भी अपने साथ लेकर गई। अफसरों ने तीनों के बयान कैमरे में दर्ज किए। सूत्रों के मुताबिक, टीम ने सिद्धार्थ और दीपेश से फंदे में लटकी डमी को ठीक वैसे ही उतारने के लिए कहा जैसा इन्होंने 14 जून को किया था। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो सका कि पंखा उस डमी का वजन सह सका या नहीं।
30 सदस्यीय टीम ने पूरी बिल्डिंग का मुआयना किया
- एसपी नूपुर प्रसाद के साथ सीबीआई की टीम के 30 सदस्यों ने सबसे पहले पूरी बिल्डिंग का मुआयना किया। इनमें फोरेंसिक टीम के लोग भी शामिल थे। टीम के कुछ सदस्यों ने छत पर चढ़कर पूरे इलाके, छत, सीढ़ियों की वीडियोग्राफी की है। यह टीम सुशांत के घर 2 बजे पहुंची थी और शाम को 8:20 बजे निकली।
- इस टीम में नॉट एक्सपर्ट में थे। इन्होंने सिद्धार्थ से पूछा कि सुशांत के गले में फंदा कैसा था। सिद्धार्थ ने डमी के गले में उसी तरह फंदा डालकर जांच टीम को दिखाया।
एक टीम ने कूपर अस्पताल का दौरा भी किया
सीबीआई की एक अन्य टीम ने शनिवार को कूपर अस्पताल का दौरा किया। यहां सुशांत का पोस्टमॉर्टम हुआ था। पोस्टमॉर्टम करने वाले 5 डॉक्टरों के बयान दर्ज किए। एक अन्य टीम ने बांद्रा थाने का दौरा किया। यहां अभिनेता की मौत की जांच करने वाले मुंबई पुलिस के अधिकारियों से मुलाकात की।
ऑटोप्सी रिपोर्ट की जांच करेगी एम्स की टीम
एम्स ने सुशांत की ऑटोप्सी रिपोर्ट की जांच के लिए शुक्रवार को 5 फोरेंसिक एक्सपर्ट की का मेडिकल बोर्ड बनाया। सीबीआई ने इस मामले में शुक्रवार को एम्स से राय मांगी थी। एम्स के फोरेंसिक डिपार्टमेंट के हेड डॉ. सुधीर गुप्ता ने बताया कि ‘‘सुशांत का मर्डर होने के शक के एंगल से भी जांच की जाएगी। विसरा की जांच की जाएगी। सुशांत को डिप्रेशन दूर करने करने के लिए जो दवाएं दी जा रही थीं, उनकी भी एम्स की लैब में जांच होगी।’’ कूपर हॉस्पिटल के डॉक्टर्स पर जल्दबाजी में पोस्टमॉर्टम करने का आरोप लग रहा है।
सीबीआई ने इन चीजों को मुंबई पुलिस से अपने कब्जे में लिया
- सुशांत के 3 मोबाइल फोन, सुशांत का लैपटॉप।
- वो मग जिसमें सुशांत ने जूस पिया था।
- सुशांत के कपड़े, जो उन्होंने उस वक्त पहने थे और फंदे के लिए इस्तेमाल किया गया हरे रंग का कपड़ा।
- ऑटोप्सी और फोरेंसिक रिपोर्ट भी सीबीआई को मिल गई है।
- सुशांत के घर और फॉर्म हाउस से बरामद डायरी।
- 13 से 14 जून की सीसीटीवी फुटेज भी सीबीआई को सौंपी गई हैं।
- रिया चक्रवर्ती, शोविक चक्रवर्ती और इस केस से जुड़े सभी लोगों की सीडीआर।
- 56 गवाहों के बयान की कॉपी भी सीबीआई की टीम ने मुंबई पुलिस से ली है।
सीबीआई के सामने 3 चुनौतियां
- सुशांत की मौत को 60 से ज्यादा दिन हो गए हैं। क्राइम सीन पर सबूत पूरी तरह मिट चुके होंगे। सीबीआई के पास सिर्फ मौके से ली गई तस्वीरें ही सहारा होंगी।
- मुंबई पुलिस का पूरा रिकॉर्ड मराठी भाषा में है और उसे मराठी से इंग्लिश में ट्रांसलेशन कराने में लंबा वक्त लग सकता है। इनमें 56 गवाहों के बयान भी शामिल हैं।
- सुशांत की मौत का कोई भी चश्मदीद गवाह नहीं है। केवल एक आदमी है जिसने डेड बॉडी को लटके देखा और उसने भी डेड बॉडी उतार दी। ऐसे में डेड बॉडी कहां और कैसे लटकी हुई थी उसके पैर कहां पर थे इन बातों को समझने के लिए भी सीबीआई को मशक्कत करनी पड़ेगी।
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