Thursday, February 20, 2020
Richa's uncanny resemblance to Smita Patil February 20, 2020 at 07:43PM
‘मैं हूं ना’ को लेकर फराह ने दिया बड़ा बयान, कहा- नहीं चाहती थी फिल्म में मेन विलन मुस्लिम आतंकवादी हो February 20, 2020 at 06:58PM
बॉलीवुड डेस्क. फिल्ममेकर-कोरियोग्राफर फराह खान ने एक से बढ़कर एक फिल्में दी हैं। इन्ही में से एक है 2004 में रिलीज हुई ‘मैं हूं ना’। हाल ही में फराह ने इस फिल्म को लेकर कुछ खुलासे किए। उन्होंने कहा...‘मैं हूं ना’ बनाते समय मैंने यह बात सुनिश्चित की थी कि फिल्म का मेन विलन मुस्लिम आतंकवादी न हो। वो एकदम भारतीय हो।
सिर्फ इतना ही नहीं फराह ने ये भी बताया कि उन्होंने विलन का दायां हाथ जिस व्यक्ति को चुना उसका नाम खान था। इस व्यक्ति को अहसास होता है कि उसे पूरी जिंदगी गलत दिशा में चलने के लिए प्रेरित किया गया था और इस वजह से उसने अपने देश की जगह आतंकवाद को चुना।’
फराह की मानें तो खान जो कि मुसलमान हैं वह फिल्म में मेजर राम प्रसाद शर्मा को जानकारी देकर खलनायक से नायक बनता दिखता है। फिल्म में सुनील शेट्टी ने खलनायक की भूमिका निभाई थी। उन्होंने राघवन नामक एक पूर्व सेना अधिकारी का किरदार निभाया था। फिल्म के अंत में राघवन ने कैदियों को शांतिपूर्ण तरीके से छोड़ने के प्रस्ताव को नकार कर भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को और खराब करने की योजना बनाई थी।
ड्रॉप कर दी थी सीक्वल की प्लानिंग
इस मौके पर फराह ने यह भी बताया कि उन्होंने इस फिल्म के सीक्वल की संभावना बनाई थी जो बाद में पूरी नहीं हो पाईं। बकौल फराह, "एक बार मैंने इसकी अगली कड़ी के लिए प्लानिंग की थी, जिसकी कहानी फिल्म के अंत के 15 साल बाद सेट की गई थी। हालांकि फिर मैंने इस प्लान को ड्रॉप कर दिया।’
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रिश्ते में थप्पड़ मारना गलत है, ‘अमृता’ ने घर छोड़ा, पर मैं एक मौका जरूर देती: तापसी पन्नू February 20, 2020 at 06:57PM
बॉलीवुड डेस्क.अनुभव सिन्हा निर्देशित फिल्म ‘थप्पड़’ की स्क्रीनिंग गुरुवार को भोपाल में हुई। डॉमेस्टिक वॉयलेंस पर आधारित इस फिल्म में मुख्य भूमिका निभाई है तापसी पन्नू ने। स्क्रीनिंग के बाद दर्शकों का इंटरेक्शन तापसी पन्नू और अनुभव सिन्हा के साथ हुआ। इस दौरान सुधीर मिश्रा भी मौजूद थे।
दर्शक (तापसी से):घरेलू हिंसापर लड़के का पूरा परिवार माफी मांगता तो क्या अमृता (तापसी का किरदार) वापस चली जाती? तापसी क्या करती?
तापसी: स्क्रिप्ट मैंने पढ़ी थी और उसमें डूब भी गई थी। परिवार वाले अमृता का साथ देते और कहते कि लड़के ने गलत किया तो वह और कुछ करती। तलाक देना उसका मकसद नहीं था, लेकिन जो हुआ उसे ‘अन-डू’ करना अमृता के लिए मुश्किल था। मैं अमृता की जगह होती तो कुछ और करती, सुधरने का एक मौका जरूर देती... लेकिन सारी चीजें याद रखते हुए, भूलकर नहीं। मेरे लिए अमृता बनना मुश्किल था। मैं रियल लाइफ में ऐसा नहीं करती। मैं किसी पर चिल्ला नहीं सकती, गुस्सा नहीं करती।
दर्शक: डॉमेस्टिक वॉयलेंस का यह केस 2005 का है, इतनी देर से फिल्म क्यों बनाई?
अनुभव: देर आए दुरुस्त आए, कदम उठाना जरूरी है। सोसायटी का चेहरा दिखाया है।
दर्शक: गलतियां इंसानों से होती हैं, भगवान भी माफ कर देते हैं?
अनुभव: यह सब्जेक्टिव है, अगर हम सोचें की माफी देने में बड़े हो रहे हैं तो वहां पर उसे महान बताकर बेवकूफ बनाया जाता है।
दर्शक: फिल्म में आपने दिखाया कि आदमी औरत को थप्पड़ मारता है, लेकिन औरत आदमी को थप्पड़ मारती है तो...।
तापसी: रिश्ते में थप्पड़ मारना गलत है। हमने मेजॉरिटी को देखते हुए फिल्म बना ली है। एक्सेप्शनल केस पर आप फिल्म बना लीजिएगा। ऐसे केसहोते हैं, मैंने मेजॉरिटी को चुना।
दर्शक: ऐसा क्या लगा जो आपने ऐसी फिल्म बनाई?
अनुभव: कभी जो महसूस किया होता है वह कहीं न कहीं मन में होता है और फिल्म बनती चली जाती है। ऐसा नही है कि मुद्दों का कोई फॉर्मूला होता है।
सवाल: अगर आदमी ने सॉरी बोल दिया होता तो क्या होता?
अनुभव: सॉल्यूशन लोगों पर छोड़ा है, साथ ही लोगों को अच्छे सॉल्यूशन ढूंढ़ने चाहिए।
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यूजर्स को रास नहीं दीपिका की फोटो का कैप्शन, कहा-पति के सपने के चलते महिलाओं को अपने सपने नहीं जीने देने का जमाना गया February 20, 2020 at 05:00PM
बॉलीवुड डेस्क. हाल ही में दीपिका पादुकोण का फिल्म '83' से लुक रिलीज हुआ था। इस फिल्म में वह कपिल देव की वाइफ रोमी देव के किरदार में नजर आएंगी। दीपिका ने अपने लुक की तस्वीर खुद इन्स्टाग्राम पर शेयर किया था जिसके साथ उन्होंने एक कैप्शन में लिखा था, "भारतीय खेल के इतिहास से सबसे प्रतिष्ठित क्षणों में से एक इस फिल्म में एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण हिस्सा निभाना सम्मान की बात है। एक पति की पेशेवर और व्यक्तिगत ख्वाहिशों की सफलता में पत्नी कितनी अहम भूमिका निभाती है ,यह मैंने मेरी मां में बेहद करीब से देखा है और मेरे लिए कई मायनों में '83' हर महिला को समर्पित है, जो अपने पति के सपने को अपने सपनों से पहले रखती है।"
कैप्शन के चलते हो गईं ट्रोल: दीपिका ने जो कैप्शन लिखा वो सोशल मीडिया यूजर्स को रास नहीं आया और नतीजतन इसकी वजह से वह ट्रोल हो गईं। एक यूजर ने लिखा , हर महिला जो अपने पति के सपने को अपने सपनों से पहले रखती है, यह सालों से होता चला आ रहा है और अब इसे रोकने की जरूरत है।
एक और यूजर ने लिखा, माफ कीजिएगा लेकिन यह महिलाओं को समर्पित नहीं हो सकता क्योंकि हमेशा से महिलाओं के सपने को अहमियत नहीं दी जाती और पुरुषों को हमेशा तवज्जो दी जाती है, महिलाओं को बस उनकी छत्रछाया में ही रखा जाता है।
एक अन्य यूजर ने लिखा, नहीं, आपने सुधा मूर्ति के बारे में सुना है? क्या आप उन करोड़ों हाउसवाइव्स के बारे में जानती हैं जो अपनी सक्सेस से पहले पति और बच्चों के बारे में सोचती हैं? प्रमोशन के लिए कुछ भी??
एक अन्य यूजर लिखते हैं- पहली बात-हर महिला को स्वतंत्र रहना चाहिए और अपने सपने पूरे करने चाहिए, अब उन्हें पति के पीछे खड़ा करके कृपया दोबारा डिप्रेस मत कीजिए।
10 अप्रैल कोरिलीज होगी फिल्म: रणवीर सिंह फिल्म मेंकपिल देव की भूमिका में, सुनील गावस्कर के रूप में ताहिर राज भसीन, मोहिंदर अमरनाथ के रूप में साकिब सलीम, संदीप पाटिल के रूप में चिराग पाटिल, जबकि दीपिका पादुकोण फ़िल्म में रोमी यानी कपिल देव की पत्नी की भूमिका में एक कैमियो अवतार में नजर आएंगी। देश की सबसे बड़ी स्पोर्ट्स फिल्मके रूप मेंफ़िल्म '83'को 10 अप्रैल 2020 कोहिंदी, तमिल और तेलुगु में रिलीजकिया जाएगा।
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आलिया भट्ट की शादी से जुड़ा पुख्ता सबूत, सेरेमनी के हिसाब से तय हो रहा अगली फिल्म का शेड्यूल February 20, 2020 at 04:33PM
बॉलीवुड डेस्क (अमित कर्ण). आलिया भट्ट इसी साल शादी कर रही हैं। इसे लेकर दैनिक भास्कर को पुख्ता सबूत हाथ लगा है। दरअसल, उनकी अगली फिल्म पर्वतारोही और सपोर्टवुमन अरुणिमा सिन्हा की बायोपिक है, करन जौहर के धर्मा प्रोडक्शन के बैनर तले बन रही है। धर्मा से जुड़े विश्वस्त सूत्रों की मानें तो फिल्म का शूटिंग शेड्यूल आलिया की शादी के लिए प्रस्तावित तारीख को देखते हुए तय किया जा रहा है। आलिया साल के आखिर में शादी करेंगी। उनसे लगातार बातचीत हो रही है कि वे शादी से पहले कुछ हिस्सा शूट कर पाएंगी या शादी के बाद ही शूटिंग करेंगी।
50 करोड़ के बजट में बनेगी फिल्म
सूत्र बताते हैं कि स्क्रिप्ट को लेकर पिछड़े डेढ़ साल से अरुणिमा सिन्हा और करन जौहर के बीच बातचीत चल रही थी। अब दोनों के बीच कागजी कार्रवाई पूरी हो चुकी है। करन इस फिल्म का निर्माण 50 करोड़ के बजट में करने वाले हैं। अरुणिमा की उपलब्धियों को देखते हुए करन उन्हें घरेलू और ओवरसीज बॉक्स ऑफिस कलेक्शन का 18 फीसदी प्रॉफिट शेयर भी देंगे। दिसंबर में दोनों पार्टियों के बीच इन सब को लेकर मीटिंग हुई थी। कुछ हफ्तों में करन इस फिल्म की घोषणा करेंगे।
'तख्त' की लोकेशन ढूढने में व्यस्त थे करन
करन अब तक अपनी फिल्म 'तख्त' के लिए लोकेशन ढूंढने और इसकी रेकी करने में व्यस्त थे। इसलिए अरुणिमा सिन्हा की बायोपिक पर काम अटका हुआ था। इसके अलावा इस फिल्म को लिख रहे वरुण ग्रोवर भी स्क्रिप्ट के पहले ड्राफ्ट से संतुष्ट नहीं थे, इसलिए उन्होंने इसका दूसरा वर्जन लिखना शुरू किया। यह देखते हुए धर्मा के अधिकारियों की प्लानिंग है कि पूरी तरह स्क्रिप्ट लिखे जाने और आलिया भट्ट के अलावा बाकी कास्ट तय हो जाने के बाद ही इसकी घोषणा की जाएगी।
मार्च-अप्रैल में फिल्म पर काम शुरू होगा
माना जा रहा है कि मार्च-अप्रैल में फिल्म पर काम शुरू हो जाएगा। अरुणिमा सिन्हा माउंटेनियर रही हैं। इसलिए आलिया की ट्रेनिंग भी मार्च-अप्रैल से शुरू की जाएगी। मई में खुद अरुणिमा खुद दुर्गम पर्वतीय इलाकों में आलिया को ट्रेनिंग देंगी। फिल्म की शूटिंग पर्वतारोहियों के साथ होगी। धर्मा से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि आलिया फिलहाल 'गंगूबाई काठियावाड़ी' की शूटिंग में व्यस्त हैं। उसके बाद वे ट्रेनिंग के लिए वक्त देने को राजी हैं। लेकिन शूटिंग को लेकर उनके जेहन में शादी के बाद का प्लान चल रहा है।
दरअसल, वे अपना वह पर्सनल और कीमती स्पेस अपने लिए ही रखना चाहती हैं। आलिया यह फिगर आउट कर रही हैं कि इस साल अक्टूबर से दिसंबर के बीच शादी और शूटिंग को कैसे मैनेज किया जाए। इन 3 महीनों के बीच ही उनकी शादी की तारीख तय होनी है।
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कुछ नया सीखना और क्रिएटिविटी के साथ काम करना एक कलाकार को जीवंत बनाये रखता है- सोनाली नाइक February 20, 2020 at 04:00PM
जब रोल ऑफर हुआ तो क्या रिएक्शन था?
इससे पहले मैंने कुछ कॉमिक-नेगेटिव किरदार निभाएंहैं, लेकिन मुझे नहीं पता था कि मैं हल्के-फुलके कॉमेडी जोनर की भी भूमिका निभा सकती हूं। इसके लिए प्रोडक्शयन टीम ने मुझ पर भरोसा किया। जब मुझसे पुष्पा की भूमिका के लिए कांटेक्ट किया गया तो मैं इससे काफी इम्प्रेसहुई। ये शो बहुत ही इंटरेस्टिंग है।आज के समय में उम्र के इस पड़ाव पर आकर एक नायिका की भूमिका मिलना थोड़ा चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि नायिका से उम्मीदें काफी ज्यादा होती हैं। महिलाओं के इस ग्रुप से मैं वाकई बहुत खुश हूं और मैं खुद को खुशकिस्मत मानती हूं कि मुझे अपने कॅरियर में नए रोलनिभाने का मौका मिल रहा है।
पुष्पाके किरदार के बारे में बताएं
पुष्पाहेड कॉन्सटेबल हैऔर अमीनाबाद महिला पुलिस थाना में काउंसिलिंग हेड है। थानेकी सबसे वरिष्ठ सदस्यऔर काफी समझदार और अच्छाकिरदार है, जिसका स्वभाव शांत है। पुष्पा रिटायरमेंट से पहले कुछ बड़ा करके जाना चाहती है। क्योंकि उसने अपनी पूरी जिंदगी पुलिस स्टेशन में बिताईहै।खुद ही बेटे की देखभाल, घर के कामऔर पुलिस स्टेशनको संभाला है। पुष्पा को बस इसी बात से राहत मिलेगी कि उसे एक योग्यबहू मिल जाए, जो कि सारी जिम्मेदारियां संभाल ले।लेकिन चीजें उस समय बदल जाती हैं जब उसका बेटा एक दबंग पुलिस ऑफिसर, करिश्मासे शादी कर लेता है।
क्याआप पुष्पा के किरदार से खुद को जोड़ पाती हैं?
मुझे ऐसा लगता है कि हममें काफी सारी समानताएं हैं। पुष्पाजिस तरह बच्चों से प्यार करती है, मैं भी बच्चों से वैसा ही प्यार करती हूं। पुष्पा पुलिस स्टेशन में सबसे ज्यादा ख्याल रखने वाली और प्यार करने वाली इंसान है। हम दोनों में एक जैसी ही ममता है और सुरक्षा को लेकर वैसा ही सहज भाव है। इसकी वजह से ही मुझे पुष्पा की भूमिका निभाने में काफी मजा आ रहा है।
इस भूमिका की तैयारी किस तरह कर रही हैं?
मैं महाराष्ट्रियन हूं और पहले मैंने ज्यादातर महाराष्ट्रियन भूमिकाएं ही निभायी हैं। इस शो के लिए लखनवी लहजेको अपनाना थोड़ा चुनौतीपूर्ण रहा है।उसे सही तरीके से निभाना, रातों-रात संभव नहीं। इसके लिएमैंने काफी मेहनत की है और इस लगन ने मुझे युवा होने का अहसास कराया। कुछ नया सीखना और क्रिएटिविटी के साथ काम करना एक कलाकार को जीवंत बनाएरखता है। लखनवी भाषा की वर्कशॉप अभी भी चल रही है, एक रिटायर्ड महिला पुलिस अधिकारी भी हमें गाइड करने के लिये आईं थीं कि किस तरह पुलिस ऑफिसर को छोटी-छोटी बातों का ध्यानरखना पड़ता है। उन्होंने हम सबको सैल्यूट करना और तौर-तरीके सिखाए। हमारीयह सफर अभी भी जारी है जोपूरी तरह रोमांच से भरा हुआ है।
महिला पुलिस थाने केबारे में आपकी क्या राय है ?
मुझे लगता है कि यह सरकार का बहुत ही समझदार कदम है। इस शो में काम करने के दौरान मुझे पता चला कि भारत में महिलाओं के लिये लगभग एक हजार पुलिस स्टेशन हैं। इससे महिलाओं को अपनी बात रखने की हिम्मत मिलती है और जब भी जरूरत हो वह बेझिझक अपनी शिकायत लिखावा सकती हैं। इस पहल ने कई सारी महिलाओं को महिला पुलिस थाने आने और अपनी शिकायत दर्ज कराने की हिम्मत दी, इस दौरान उनकी समस्या कोपुलिस अधिकारी द्वारा समझा जाता है और उन्हें सहज बनाये रखने की कोशिश की जाती है।
लखनऊ में शूटिंग का अनुभव कैसा था?
लखनऊ में शूटिंग का अनुभव काफी अच्छा, यादों से भरा था। भयानक ठंडमें हम सुबह 4 बजे जाग जाते थे। अब कुछ अनुभव ऐसे हैं जिन्हें हम कभी नहीं भूल पायेंगे। हमने कई खूबसूरत जगहों पर शूटिंग की।कई बार पुलिस के सुरक्षा घेरे में भी। लखनऊ में लोग काफी मिलनसार हैं और हमारा दिल खोलकर स्वागत किया गया। जब लोग आपके लिएतालियां बजा रहे हों तो उनके बीच में शूटिंग करने का अनुभव बहुत ही अच्छा होता है।
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