Wednesday, April 29, 2020
RARE pic of Rishi & Irrfan goes viral April 29, 2020 at 07:21PM
Actor Rishi Kapoor passes away, Amitabh Bachchan confirms April 29, 2020 at 06:14PM
A day after Irrfan Khan's passing, veteran actor Rishi Kapoor has passed away at the age of 67. His death was confirmed by his colleague and close friend Amitabh Bachchan on Thursday, April 30, 2020.
Big B tweeted, "He's GONE .. ! Rishi Kapoor .. gone .. just passed away .. I am destroyed!"
Rishi Kapoor's brother Randhir Kapoor confirmed on Wednesday that the actor was in the hospital. He said that Rishi is not well and that Neetu Kapoor is by his side.
T 3517 - He's GONE .. ! Rishi Kapoor .. gone .. just passed away ..
I am destroyed !— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) April 30, 2020
An official statement from family read, "Our dear Rishi Kapoor passed away peacefully at 8:45am IST in hospital today after a two-year battle with leukemia. The doctors and medical staff at the hospital said he kept them entertained to the last. He remained jovial and determined to live to the fullest right through two years of treatment across two continents. Family, friends, food and films remained his focus and everyone who met him during this time was amazed at how he did not let his illness get the better of him. He was grateful for the love of his fans that poured in from the world over. In his passing, they would all understand that he would like to be remembered with a smile and not with tears. In this hour of personal loss, we also recognise the world is going through a very difficult and troubled time. There are numerous restrictions around movement and gathering in public. We would like to request all his fans and well-wishers and friends of the family to please respect the laws that are in force. He would not have it any other way."
Rishi Kapoor had returned to India in September last year after being treated for cancer in New York for nearly a year. While he was in New York, his wife Neetu Kapoor was by his side throughout. His son Ranbir Kapoor and rumoured girlfriend Alia Bhatt would often visit the ailing Rishi Kapoor.
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नहीं रहे ऋषि कपूर, अमिताभ बच्चन ने ट्वीट में लिखा- वे चले गए April 29, 2020 at 06:19PM
वेटरन अभिनेता ऋषि कपूर का निधन हो गया है। महानायक अमिताभ बच्चन ने सुबह करीब 9:30 बजे ट्विटर पर यह जानकारी दी। उन्होंने लिखा, "वे चले गए। ऋषि कपूर चले गए। अभी-अभी निधन हुआ।" गौरतलब है कि ऋषि कपूर (67) को बुधवार देर रात मुंबई के एचएन.रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल में एडमिट किया गया गया था। उनके भाई रणधीर कपूर ने इसकी पुष्टि की थी। उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई से सिर्फ इतना कहा था, "वह अस्पताल में है। वह कैंसर से पीड़ित है और उसे सांस लेने में तकलीफ है, इसलिए उसे भर्ती कराया गया है। उसकी हालत अभी स्थिर है।"
ऋषि पिछले साल सितंबर में अमेरिका से भारत लौटे थे। वहां करीब एक साल तक उनका कैंसर ट्रीटमेंट चला। जानकारी के मुताबिक, ऋषि कपूर को चेस्ट इन्फेक्शन, सांस लेने में दिक्कत और हल्का बुखार थी। उनका कोविड-19 टेस्ट भी कराया गया था। दो स्पेशलिस्ट डॉक्टर उनका इलाज कर रहे थे।
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दीपक डोबरियाल ने बताया इरफान के साथ अपना अनुभव; बोले- वे भाई की तरह थे, काश उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हो पाता April 29, 2020 at 04:30PM
इरफान खान के खास दोस्त और उनके साथ 'हिंदी मीडियम' और 'अंग्रेजी मीडियम' जैसी फिल्मों में नजर आ चुके दीपक डोबरियाल ने इरफान से जुड़ी अपनी कुछ यादों को लेकर दैनिक भास्कर से खास बातचीत की। उन्होंने बताया कि इरफान के साथ मेरी आखिरी मुलाकात 5 महीने पहले हुई थी। हम दोनों की ट्यूनिंग काफी अच्छी थी और हम भाइयों की तरह थे। काश मैं उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हो पाता।
दीपक ने कहा 'इरफान खान से मेरी आखरी मुलाकात 5 महीना पहले 'अंग्रेजी मीडियम' की शूटिंग के दौरान लंदन में हुई थी। फिल्म का दूसरा पोर्शन वहीं पर शूट हुआ था। वहां पर वे अपना इलाज भी करवा रहे थे, लेकिन उन्होंने कभी किसी मेंबर को अपनी बीमारी का एहसास तक नहीं करवाया। वे नहीं चाहते थे कि उनके दुख की वजह से कोई और दुखी हो, जबकि यह बात सबको पता थी, पर उन्होंने कभी अपनी तकलीफ के बारे में किसी को बताया नहीं। वे नहीं चाहते थे कि उन्हें देखकर कोई सहानुभूति का भाव रखे। सेट पर पूरे समय उन्होंने सबके साथ बिल्कुल सामान्य और वास्तविक भाव रखा था।'
दीपक बोले- वे मुझे खूब सपोर्ट करते थे
आगे उन्होंने बताया, 'मैंने इरफान खान के साथ 'हिंदी मीडियम', 'अंग्रेजी मीडियम' सहित दो-तीन फिल्मों में काम किया। शूटिंग के बाद भी हमारी ट्यूनिंग अच्छी थी। हम भाइयों की तरह थे। वे मुझे बहुत सपोर्ट करते थे। मेरे बारे में डायरेक्टर से बोलते थे कि वह जो कर रहा है उसे करने देना, रोकना मत। उनके साथ शूट करने में ऐसा लगता था कि सीन में होने के बाद भी वे पीठ थपथपा रहे हैं। मुझे तो अभी भी नहीं लग रहा है कि वह हमारे बीच में नहीं है।'
इरफान के लिए प्रार्थना करने मंदिर गए थे
दीपक के मुताबिक 'मार्च 2018 में जब उन्होंने पहली बार ट्वीट पर अपनी बीमारी के बारे बताया तो मुझे भी पहली बार तब ही पता चला था। उस समय मैं 'लाल कप्तान' की शूटिंग कर रहा था। फिर तो उस फिल्म के काफी क्रू मेंबर प्रार्थना करने के लिए मंदिर गए थे। इस फिल्म की शूटिंग रामात्रा में हो रही थी। उनके साथ मैं भी गया था।'
काश उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हो पाता
दीपक ने आगे कहा, 'हमारी ट्यूनिंग इतनी अच्छी थी कि वे हर जगह मुझे सपोर्ट करते थे। उन्होंने मुझे 'ब्लैकमेल' और 'करीब-करीब सिंगल' फिल्म भी ऑफर की थी। लेकिन किन्ही वजहों से मैं ये फिल्में कर नहीं पाया था, पर वे चाहते थे कि मैं फिल्में करता रहूं। उनका इस तरह से सहयोगी स्वभाव था। इरफान भाई की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि अगर कोई सीन में जान डालता है, उसे रियल करता है, तब वे उसे बहुत सपोर्ट करते थे। उनके साथ बैठना ही यादगार है। उनकी यादों में दीवान लिख सकता हूं लेकिन अभी इस हालत में नहीं हूं कि और बात कर सकूं। काश उनके अंतिम यात्रा में शामिल हो पाता लेकिन हम सब लाक डाउन में फंसे हैं।'
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निमरत कौर ने कहा इरफान बस यही कहते थे - जब भी अपने हक का वक्त आए तो उसे पूरी तरह जी लो April 29, 2020 at 01:30PM
एक्ट्रेस निमरत कौर इरफान खान के साथ फिल्म 'लंचबॉक्स' में नजर आ चुकी हैं। ऐसे में इरफान खान के निधन के बाद को-एक्टर ने उनकी कही बातों को याद करते हुए इसे इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा नुकसान बताया है।
एक्ट्रेस ने कहा, ‘इरफान बहुत ही उम्दा इंसान थे और अपनी जड़ों से जुड़े हुए इंसान और मिडल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखते थे। मैंने उनके साथ एक फिल्म जरूर की है लेकिन उस फिल्म में हमारे एक भी सीन साथ में नहीं है, लेकिन जब भी हम प्रमोशंस के लिए एक दूसरे के साथ जाया करते थे, मुझे उन्हें जानने का मौका मिला और खासकर तब जब कान्स फिल्म फेस्टिवल में फ़िल्म रिलीज हुई थी उस वक्त। अगर उनके सेंस ऑफ ह्यूमर की बात करे तो वो बहुत ही बेहतरीन था। लोगों की ओर उनके देखने का नजरिया काफी अलग था और उनकी दुनिया को लेकर एक अलग ही सोच थी और वही उनके काम में भी झलकता था बहुत ज्यादा’।
आगे उन्होंने बताया, ‘मुझे याद है जब कान्स फिल्म फेस्टिवल में लंच बॉक्स रिलीज हुई थी जब फिल्म का प्रीमियर था उसके बाद आसपास बहुत शोर था फ़िल्म लोगो को बहुत पसंद आयी थी। सराह रहे थे फ़िल्म को और जब एकाएक ही सारी चीज आपके सामने आए जो आपने उम्मीद ना की हो तो आप थोड़े से डर जाते हैं। मुझे समझ नही आ रहा था कि क्या करूँ जिसके बाद मैंने इरफान से पूछा कि आप क्या करने वाले है इस परिस्थिति से निकलने के लिए। उस वक्त इरफान ने मुझे कहा था कि देखो बहुत ही वक्त अपने हक काआता है और जब आए तो उसे पूरी तरह जी लो क्योंकि पता नहीं क्या अब वह वापस कब आएगा। इरफान ने कहा था कि जब भी हमारे साथ अच्छा हो तो उसे एक तोहफे की तरह लो और खुशियां मनाओ ऐसा समझो कि कोई आपकी स्ट्रगल को ब्रेक देने आया है। भगवान ने एक गिफ्ट भेजा है आपके लिए तो उस वक्त उसे आप पूरी तरीके से इंजॉय कीजिए। बहुत ही बेहतरीन इंसान थे ऐसा बहुत ही कम होता है कि किसी एक एक्टर के जाने से सभी को एक ऐसा एहसास होता है जैसे कि उसने कुछ खो दिया है चाहे वह उस एक्टर को खुद पर्सनली जाने या ना जाने और यह मैं देख रही हूं कि यह इरफान के जाने से वह है और यह बहुत ही बड़ा लॉस है इंडस्ट्री के लिए जिसे कभी भी भरा नहीं जा सकता है’।
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‘चाणक्य' के आखिरी दिन शूट ख़त्म होने के बावजूद घंटों सेट पर ही बैठे रहे थे इरफान, नम आंखों से बोले थे - थैंक यू April 29, 2020 at 01:30PM
एक्टर इरफान खान ने फिल्मों में अपनी पहचान बनाने से पहले कई टेलीविजन शो में बेहतरीन किरदार निभाए हैं। इरफानके निधन पर 'चाणक्य' सीरियल के डायरेक्टर और राइटर डॉ चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने उनका एक किस्सा याद किया है। उन्होंने बताया है कि शो के आखिरी दिन इरफान घंटो सेट पर बैठे हुए थे।
चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने इरफान को याद करते हुए बताया, ‘1990 में इरफ़ान खान से मुलाकात हुई थी। उस वक्त में चाणक्य सीरियल की तैयारी कर रहा था। इरफ़ान का पहला काम मैंने 'भारत एक खोज' में देखा था जिसमे उनका काम लाजवाब था। उनके एक मित्र हैं इशांत त्रिवेदी जो की नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा के उनके बैच मेट भी थे। मैंने उनसे इरफ़ान के बारे में पूछा और उन्हें अपनी शो में लेने की बात रखी।जब 'भारत एक खोज' की शूटिंग ख़त्म हुई तब मेरी मुलाकात इरफ़ान से हुई, उस वक्त में 'चाणक्य' के पायलट की तैयारी कर रहा था’।
आगे उन्होंने कहा, ‘मुझे अब भी याद हैं जिस दिन इरफ़ान का आख़िरी दिन था 'चाणक्य' के सेट पर वो शूटिंग ख़त्म होने के बावजूद सेट से गए नहीं थे। मैं उस वक्त एक खाट पर बैठकर कुछ लिख रहा था और मैंने देखा की इरफ़ान घंटों तक सेट पर मंडरा रहे हैं। शुरूआती में मुझे कुछ समझ नहीं आया लेकिन कुछ देर बाद मैंने उसे कहाँ की जाओ अब अपने घर। तुम्हारा काम हो चुका है। हर बार में ये बात कहता और हर बार वो बस यही कहता की हाँ, हाँ, मैं जा हूँ। लेकिन वो जाता नहीं था। दिन ख़त्म हुआ तब इरफ़ान मेरे बाजु में आकर खड़े हो गए। मैंने उनसे पूछा की क्या बात हैं, जा क्यों नहीं रहे हो? उस वक्त उनकी आँखों में आंसू थे और वे सिर्फ एक 'थैंक यू' बोलने के लिए इंतज़ार कर रहे थे। वो अपने इमोशंस में इतने थे कि सिर्फ 'थैंक यू' बोलने के लिए हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। कई घंटे बिता दिए थे। ऐसे लोग कहां हैं जो अपने डायरेक्टर को धन्यवाद दे’।
उनके जैसा एक्टर अब मिलना बहुत मुश्किल हैं
डायरेक्टर ने उनकी कास्टिंग पर बात करते हुए बताया, 'चाणक्य के लिए इरफान के दोस्त इशांत त्रिवेदी ने गारंटी ली थी। उनके काम की तारीफ़ हर कोई करता था। वही तारीफ़ सुनकर मैंने इस शो का प्रस्ताव रखा। तक़रीबन एक साल तक हमने साथ में काम किया और यकीन मानिये उनके जैसा एक्टर अब मिलना बहुत मुश्किल हैं’।
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पेकअप के बाद अगले दिन की स्क्रिप्ट के लिए पीछे पड़ जाते थे इरफान, 'द ग्रेट मराठा' और 'चंद्रकांता' के शाहबाज खान ने याद किया किस्सा April 29, 2020 at 01:30PM
एक्टर इरफान खान अपने टेलीविजन करियर के दौरान एक्टर शाहबाज खान और मुकेश खन्ना के साथ दो सीरियल्स द ग्रेट मराठा और चंद्रकांता में काम कर चुके हैं। एक्टर के अचानक हुए निधन पर उनके को-एक्टर्स ने उनके काम और लगन का किस्सा सुनाते हुए पुराने दिनों को याद किया है।
सेट पर हर कोई उनकी सरलता और मेहनत की तारीफकरता था
‘मैंने और इरफ़ान खान ने सबसे पहले 'द ग्रेट मराठा' में काम किया था जिसे संजय खान ने प्रॉड्यूस किया था। उस शो में वे नजीब खान रोहिला का किरदार निभा रहे थे। शूटिंग के दौरान, सेट पर हर कोई उनकी सरलता और मेहनत की तारीफ़ करता था। मुझे याद हैं हमारे डायरेक्टर कहां करते थे की इरफ़ान तुम्हारे अंदर कला का भंडार हैं जिसके बारे में उन्हें खुद नहीं पता। बतौर एक्टर तो लोग उनसे प्रोत्साहित होते ही हैं लेकिन उससे ज्यादा उनकी रियल ज़िन्दगी काफी प्रोत्साहित हैं। जब कुछ नहीं था तब तो वे सरल और साधी ज़िन्दगी जीते ही थे लेकिन सब कुछ होने के बाद भी उन्होंने अपनी सादगी नहीं छोड़ी। मैंने उनकी ज़िन्दगी के दोनों पहलु देखें हैं’।
पेकअप के बाद भी असिस्टेंट डायरेक्टर को पकड़कर उनके पीछे पड़ जाते थे:
'द ग्रेट मराठा' के सेट पर उनका काम के प्रति उनका जज्बा किसी से छुपा नहीं था। मुझे याद हैं उस जमाने में जब शूटिंग का पैकअप हो जाता था तब हम सभी अपने रूम में चले जाते थे आराम करने के लिए, लेकिन इरफान खान पेकअप के बाद भी असिस्टेंट डायरेक्टर को पकड़कर उनके पीछे पड़ जाते थे। जब तक उनको अगले दिन की स्क्रिप्ट नहीं मिलती थी तब तक वो सेट से हिलते नहीं थे। अगले दिन का स्क्रिप्ट लेकर जाते थे, खूब प्रैक्टिस करते और फिर दूसरे दिन कैमरा के सामने आते। जिस तरह वो अपनी एक्टिंग से मोहब्बत करते थे वो देखकर सेट पर मौजूद हर व्यक्ति हैरान रह जाता था। मुझे याद हैं हमने एक सीन शूट किया था उस फ्रेम में हम दोनों थे। मेरी एक्टिंग देखकर इरफ़ान मेरी काफी तारीफ़ करने लगा और कुछ देर बाद जब वो सीन दोबारा शूट हुआ तो इरफ़ान ने उससे भी ज़बरदस्त परफॉरमेंस दिया। सभी लोग उनकी तारीफ़ करने लगे और यकीन मानिये उस सीन में मैं कहीं नज़र ही नहीं आता। ऐसे थे इरफ़ान खान।
शो की शूटिंग जयपुर में हुआ करती थी जहां इरफ़ान रहा करते थे। शूटिंग के दौरान उनकी मां मौजूद हुआ करती थी। कई बार इरफ़ान के साथ-साथ हम सभी के घर का खाना लाया करती थी और हम सब मिलकर उनके साथ सेट पर वक्त बिताते।
इसीलिए उन्होंने 'चंद्रकांता' के लिए हामी भरी....
‘शुरुआत में वे 'चंद्रकांता' सीरियल नहीं करना चाहते थे क्योंकि उनका फोकस केवल फिल्म ही था। उस वक्त मैं शो का लीड रोल निभा रहा था। एक बातचीत के दौरान मैंने इस शो का एक्सपीरियंस शेयर किया और बातों ही बातों में ये शो करने की बात रखी। उस वक्त उनके पास कोई प्रोजेक्ट नहीं था और इसीलिए उन्होंने 'चंद्रकांता' के लिए हामी भरी। उनके करैक्टर काफी पॉपुलर हो गया था’।
मुकेश खन्ना ने शेयर किया अनुभव
‘एक दिन जब मैं संजय खान के साथ बैठकर शूटिंग देख रहा था तब मैंने संजय से कहा था कि लड़का बहुत ही अच्छा है कमाल का एक्टर है। जिस पर संजय खान ने कहा था कि यह कमाल का डायलॉग बोलता है। उनकी एक्टिंग इतनी नेचुरल एक्टिंग हुआ करती थी कि उनकी आंखें बोलती थी’।
इस नुकसान को कभी भरा नहीं जा सकता
‘मैं उनकी एक्टिंग की जितनी भी तारीफ करो वह सब कम है जिस तरीके से मक्खन में से चाकू निकाल लो पता नहीं चलता ठीक उसी तरीके से वह एक्टिंग किया करते थे इस तरीके से आप किया करते थे जिस तरीके से मानो कोई फर्क ही नहीं लग रहा हो सारी चीजें अपने आप हो रही हैं आसानी से ऑपरेशन किया करते थे डायलॉग बोल दिया करते थे सबसे अच्छे एक्टर की निशानी है और उनकी तारीफ होती है और मैं बस यही कहूंगा कि इंडस्ट्री का काफी बड़ा लॉस है काफी छोटी उम्र में हमें छोड़ चला गया है और चंद्रकांता की बात करो तो मुझे याद है वह पूरी रात शूटिंग किया करते थे’।
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