बॉलीवुड डेस्क(उमेश कुमार उपाध्याय). आज दो सेलेब्स किड्स-रीवा किशन और प्रियांक शर्मा फिल्म 'सब कुशल मंगल' से आज बॉलीवुड में एंट्री करेंगे। रीवा, रवि किशन की बेटी हैं और प्रियांक, पद्मिनी कोल्हापुरे के। करियर के इस खास मौके पर दोनों से बातचीत।
अपनी डेब्यू फिल्म में अपने किरदार के बारे में बताइए?
रीवा किशन: मेरे किरदार का नाम मंदिरा शुक्ला है। वह चुलबुली और मस्तीखोर लड़की है। उसकी छोटी-छोटी बातें उसे बैलेंस लाइफ देती हैं। एक तरफ वह पतंग उड़ा रही है, तो दूसरी तरफ पापा के लिए रोटी भी सेंकती है। उसमें मासूम-सा प्यार करने की एक चाह भी है।
प्रियांक शर्मा: मेरे किरदार का नाम पप्पू मिश्रा है। वह स्माल टाउन से है। एक रिपोर्टर के जॉब के लिए मेट्रोपॉलिटन सिटी में शिफ्ट होता है। उसकी एक ब्रेकिंग न्यूज़ तो है, जिसका नाम- 'मुसीबत ओढ़ ली मैंने' है। आत्मविश्वासी और स्मार्ट लड़का है।
एक साथ एंट्री कर रहे हैं। यह अनुभव कैसे याद रहेगा?
रीवा: यह तो जिंदगी के हर कदम पर याद रहेगा। बहुत अच्छे पल हमने एक-दूसरे के साथ बिताए हैं। बड़े संघर्ष के साथ हमारी शुरुआत हुई है। मुझे लगता है कि हम चाहकर भी कभी नहीं भूल पाएंगे। यह शुरुआत ही ऐसी है। आज कई सारे स्टार किड्स हैं, जो लॉन्च हो रहे हैं। उन सब चीजों को छोड़कर आज हम अपनी खुद की ही लड़ाई लड़ने निकल पड़े। हम खुशनसीब हैं कि हमें अपना टैलेंट दिखाने का मौका दिया गया है।
प्रियांक: हमारी जर्नी बहुत ही स्पेशल है। जैसा कि रीवा ने कहा कि हम पहली बार शुरुआत कर रहे हैं। इसको हम कैसे भूल सकते हैं। यह तो हमारे लिए जिंदगी भर बहुत ही स्पेशल रहेगा।
आप दोनों थिएटर कर चुके हैं, उसका अनुभव कैसा रहा?
रीवा: मैं नसीरुद्दीन शाह के ग्रुप में उनकी बेटी हिबा शाह के साथ थिएटर कर चुकी हूं। वह बहुत खूबसूरत अनुभव रहा। हां, आसान तो बिल्कुल नहीं था। मैंने शुरुआत बैक स्टेज से किया। उसके बाद जाकर मुझे एक्टिंग करने का मौका मिला। वहां पर एक ही मौका मिलता है, अगर उस मौके पर चौका नहीं मारा, तब आप जिंदगी भर पछताते रह जाओगे। वहां बिल्कुल चूक नहीं सकते।
प्रियांक: नादिरा बब्बर के ग्रुप, नीरज काबी और सलीम आरिफ के साथ थिएटर कर चुका हूं। सलीम आरिफ के साथ वर्कशॉप और थिएटर भी किया। नादिरा बब्बर और नीरज काबी के वर्कशॉप बहुत यूनिक और डिफरेंट थे, लेकिन जब सलीम आरिफ के साथ थिएटर किया, तब मेरा भी बैकस्टेज का पहला अनुभव था। उसके बाद ही कैरेक्टर निभाया। थिएटर में बतौर एक्टर बहुत कुछ सीखने को मिलता है।
फिल्मी बैकग्राउंड से आने के फायदे हैं, वहीं तुलना भी होती हैं। इसका कितना प्रेशर लेते हैं?
रीवा: मैं तो मेरे पापा का अख्स हूं, उनका खून हूं। आखिर खून की क्या तुलना करेंगे! आखिर मैं तो उनकी बिटिया ही हूं। वह तो मुझसे कोई नहीं छीन सकता है। कोई कितनी भी तुलना करे, मेरे लिए वह मेरे पिता ही रहेंगे। उनका जैसा कर पाई तो खुद को सफल मानूंगी।
प्रियांक: जी हां, इंडस्ट्री में तुलना होती है। लेकिन हम उस प्रेशर में काम करेंगे, तब तो हम काम ही नहीं कर पाएंगे। हमारा लक्ष्य सिर्फ अच्छा काम करने का है। अगर मैं इस प्रेशर में पड़ जाऊंगा कि मैं मॉम की तरह हूं, उस लेवल का हूं या नहीं हूं, तब तो काम ही नहीं कर पाऊंगा।
क्या आपको आपकी फैमिलीज से एक्टिंग की दुनिया में आने को कहा है?
प्रियांक: हमारी अपब्रिंगिंग बहुत सिंपल, नॉर्मल और बड़ी बेसिक रही है, ऐसा कभी नहीं रहा कि सेट पर जाकर देखें कि क्या हो रहा है। फिल्मी स्पेस में हमें कभी नहीं घुसने दिया गया। मुझे साफ तौर पर हिदायत दी गई थी कि पहले पढ़ाई पर ध्यान दो, उसके बाद जो करना है, हम उसमें सपोर्ट करेंगे।
रीवा: जी हां, प्रियांक सही कह रहे हैं कि हमें नेगेटिव चीजें पहले बताई जाती थीं। घर पर यही कहा जाता था कि बेटी अगर एक्टिंग में जाना है, तब मेहनत भी लगती है, दिन में 15-15 घंटे काम करना पड़ता है, पर्सनल लाइफ तो भूल ही जाओ, मनपसंद खाना नहीं खा सकोगी, डाइट करना पड़ेगा। इसके बावजूद एक्टिंग को अपनाने के लिए हम इतने ढीठ बने रहे और इस पर कायम रहे।
शूटिंग के दौरान कोई ऐसी खट्टी-मीठी याद, जो हमेशा याद रहेगी?
प्रियांक: एक सीन था, अक्षय खन्ना सर के साथ मुझे दारू के नशे में धुत्त होकर सीन देना था। उस सीन के लिए चिंतित और नर्वस था। कैमरे के सामने जब सीन किया, तब सीन कट बोलकर डायरेक्टर मेरे पास आए और गले लगाकर बोले-तुमने तो बहुत ही कमाल का सीन दिया। इससे पहले उन्होंने कभी तारीफ तक नहीं की थी, लेकिन इतने में पीछे से कैमरामैन आकर बोले- 'सर लाइट की प्रॉब्लम थी, यह सीन दोबारा करना पड़ेगा। खैर, वह सीन दोबारा शूट किया, पर वह पहले जैसा मैजिक क्रिएट हुआ कि नहीं, यह मुझे पता नहीं।
रीवा: हम दोनों के साथ एक ऐसी घटना हुई थी। शाम का समय था। एक सीन सीक्वेंस के लिए डायरेक्टर साहब ने हमें छोटी-सी नाव में बैठाकर पानी के अंदर भेज दिया। हमें वॉकी-टॉकी दिया था। उन्होंने हिदायत दी थी कि हम जो ऑर्डर देंगे, वही तुम्हें करना है। उन्होंने जो बोला, वह सब किया। हमें लगा कि सूरज ढलने जा रहा है तो अब सीन पूरा हो गया होगा। लेकिन जैसे ही किनारे पहुंचे थे कि उन्होंने ऑर्डर दिया, अब दोनों पानी के अंदर कूद जाओ। हमसे कहा गया कि तुम हमारे बच्चे हो। हमारे लिए यह सीन जरूर करोगे। हमें इमोशनली इस हालत में डाल दिया गया कि हमें कूदना ही पड़ा।
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