Wednesday, May 6, 2020

चंदन रॉय सान्याल बोले- ऋषि और इरफान दोनों मुझ पर बहुत भरोसा करते थे, 'कमीने' के लिए आज भी तारीफ मिलती है May 06, 2020 at 01:30PM

‘जज़्बा’, 'मंटो’, ‘रंग दे बसंती’, ‘कमीने’, ‘फालतू’, ‘डी-डे', ‘जब हैरी मेट सेजल’, 'जबरिया जोड़ी' जैसी फिल्मों में छोटे-बड़े किरदार निभा चुके चंदन रॉय सान्याल जल्द ही वेब सीरीज 'काली-2' में नजर आएंगे। इससे कुछ ही वक्त पहले उनकी एक अन्य वेब सीरीज 'ढीठ पतंगे' भी रिलीज हुई है।

दैनिक भास्कर से खास बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि आने वाला वक्त ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए काफी अच्छा है।वेबसीरीज के बारे में बात करते हुए चंदन ने कहा, 'हां इस लॉक डाउन में सिनेमा थिएटर तो बंद ही हो गए हैं। उम्मीद करते हैं जल्द ही खुल जाए।

फिलहाल ऐसे में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दर्शकों की सक्रियता बढ़ गई है और ऑनलाइन जो वेब सीरीज रिलीज हो रही है, उन्हें फायदा मिल रहा है। यही फायदा 'काली 2' को भी मिलेगा, क्योंकि ऑनलाइन के सब्सक्राइबर डबल हो गए हैं। मुझे लगता है कि लगभग साल भर तक तो फ्यूचर यही है। सभी दर्शक यही मनोरंजन चाहेंगे।'

Q.'ढीठ पतंगे' को कैसा रिस्पॉन्स मिल रहा है?

चंदन- 'इसकी कहानी और सह-कलाकारों के अभिनय को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। इसमें मैंने एक पत्रकार की भूमिका निभाई है। उसके लिए जो रिस्पांस मिल रहा है, उतने की अपेक्षा नहीं थी। कई स्टार्स दोस्त ने कहा कि आप जिस तरह से चरित्र में ढल जाते हैं, वह काबिले तारीफ है। ऐसा लगता है कि हर किरदार के लिए गिरगिट की तरह रंग बदल लेते हो। यह सुनकर अच्छा लगा।'

Q.लॉक डाउन में कौन-सा काम करना नापसंद है?
चंदन- 'मैंने नया घर लिया है। इस घर में शिफ्ट हुए अभी सवा साल ही हुए हैं। व्यस्तता के चलते घर पर ज्यादा रह नहीं पाया हूं। पहली बार इतना वक्त घर पर बिता रहा हूं, सो अच्छा लग रहा है। वैसे तो मुझे साफ-सफाई, बर्तन धोना, झाडू-पोंछा और कुकिंग करना... सभी काम पसंद है, लेकिन जो नापसंद है, वो है अलमारी साफ करना और बेडशीट बदलना। अलमारी साफ करते वक्त हमेशा लगता है कि मेरी एक शर्ट गायब है, जबकि बेडशीट बदलते वक्त लगता है कि एक तरफ कम और दूसरी तरफ ज्यादा हो जा रहा है, जो बिल्कुल पसंद नहीं आता है।'

Q.आप और सिद्धार्थ मल्होत्रा भोजपुरी में बतियाते थे। सच है?
चंदन- 'जी ये बात सच है। यह फिल्म बनते-बनते कई महीने लग गए थे। इस दौरान हम दोनों अच्छे दोस्त बन गए। फिर तो एक-दूसरे को बाबू-बाबू कहकर बुलाने लगे। हमारी जुबान पर भोजपुरी ऐसी चल गई कि रिहर्सल से लेकर खाने की टेबल तक भोजपुरी में बातें होती थीं। हम दोनों तो काफी एंजॉय कर रहे थे। मगर हमें बतियाते देखकर कुछ लोग मुंह ताकते रह जाते थे।'

Q.परिणीति चोपड़ा के साथ कैसा अनुभव था?
चंदन- 'उनके साथ मेरे ज्यादा सीन नहीं थे। फिर भी जितना वक्त साथ में गुजारा, उसमें उन्हें हंसाता रहता था। वे यही कहती थीं कि तुम दूर रहो, पता नहीं क्या-क्या बोलते रहते हो, मेरी हंसी छूट जाती है। उनके साथ काफी मस्ती करता रहता था।'

Q.आपकी चर्चित फिल्म 'कमीने' की कोई खास बात?
चंदन- 'उस समय तो हर किसी से अच्छी प्रतिक्रिया मिली ही थी। लेकिन इस फिल्म को कई साल हो गए हैं और आज भी इसके लिए मैसेज आते रहते हैं। निर्देशक विशाल भारद्वाज जी से पहली बार मिलना और उनका चरित्र के बारे में समझाना, उसके बाद कैमरे के सामने पूरे समर्पण भाव से रोल को निभाना आज भी याद है। विशाल जी जैसा कहते गए, मैं आंख मूंदकर वैसा करता गया। शाहिद कपूर से इसी सेट पर मित्रता हुई और आज भी उनसे बात होती है।'

Q.आगे कौन सेप्रोजेक्ट्स हैं ?
चंदन- 'प्रकाश झा निर्देशित 'आश्रम' वेब सीरीज के अलावा दो बंगाली फिल्में कर रहा हूं। इसके अलावा कुछ प्रोजेक्ट और भी हैं, पर उन पर अभी बात नहीं कर सकता।'

Q.आपने फिल्म 'डी-डे' में इरफान और ऋषि के साथ काम किया, उनकी कोई याद?
चंदन- 'दोनों मुझ पर बहुत विश्वास करते थे। बहुत इंस्पायर करते थे। 'डीडे' करने के बाद एक बार जावेद जाफरी के घर पार्टी थी, जहां इरफान खान से मुलाकात हुई। तब वे सबके सामने मेरे अभिनय की तारीफों के पुल बांधने लगे। दोनों का जाना बहुत बुरा लगा।'



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चंदन रॉय सान्याल ने साल 2006 में राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म 'रंग दे बसंती' से बॉलीवुड डेब्यू किया था।

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