'मुकद्दर की सिकंदर', 'लावारिस' और 'जंजीर' जैसी कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों के निर्माता ने ही अमिताभ बच्चन और जावेद अख्तर को करियर ब्रेक दिया था। जावेद अख्तर ने इस फिल्म की कहानी लिखी थी। प्रकाश मेहरा की पुण्यतिथि के मौके पर उनके काम की सराहना करते हुए जावेद ने भास्कर से बातचीत की है।
प्रकाश मेहरा पर बात करते हुए जावेद ने कहा, वे बहुत ही दिलचस्प और ह्यूमरस आदमी थे। वो जोक वगैरा सुनाया करते थे और अगर कोई और भी सुनाए तो उसकी खूब सराहना भी करते थे। साथ ही उन्हें शायरियां बहुत पसंद थी। जब उन्होंने हमसे जंजीर की स्क्रिप्ट ली थी उस वक्त हम कोई तीस मार खा नहीं थे और सच कहूं तो जंजीर से हमें शोहरत मिलना शुरू हुई। उसके बाद शोले दीवार फिल्में आई थीं। उस वक्त हम कोई भी नामचीन राइटर नहीं थे।
कई बड़े स्टार्स ने जंजीर करने से किया था इनकार
जब जंजीर की स्क्रिप्ट प्रकाश जी ने हमसे ली तो उसे एक के बाद एक कई बड़े एक्टर्स ने रिजेक्ट कर दिया था। सबसे बड़ी बात यह थी कि यह उनके प्रोडक्शन हाउस की सबसे पहली फिल्म थी। फिल्म इंडस्ट्री में अगर एक या दो बड़े स्टार्स ने फिल्म की स्क्रिप्ट को ना कह दिया तो प्रोड्यूसर्स को लगता है कि स्क्रिप्ट में कुछ खराबी है और वो उसे छोड़ देते थे। लेकिन इस इंसान की नए राइटर्स पर न जाने क्या धारणा थी जो इन्होंने फिल्म नहीं छोड़ी। वो भी तब जब बड़े स्टार्स ने इसे करने से इनकार कर दिया था।
जंजीर से मिली अमिताभ को कामयाबी
फिल्म में अमिताभ बच्चन को लिया गया। उस वक्त अमिताभ एक कामयाब एक्टर नही थे न ही उनकी कोई फिल्म खास चली थी। लेकिन प्रकाश जी ने स्क्रिप्ट नहीं छोड़ी। मैं प्रकाश मेहरा जी की इस धारणा का आभारी हूं कि उन्होंने हम पर भरोसा किया। अगर वह उस समय फिल्म छोड़ देते हैं तो क्या फिल्म बन पाती या इस फिल्म में अमिताभ बच्चन होते हैं, मैं नहीं जानता। अमिताभ बच्चन और मेरा करियर जंजीर से ही शुरू हुआ था। मैं उनकी बहुत इज्जत करता हूं |
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