‘बारिश 2’ वेब सीरीज के जरिए वेटरन एक्टर जितेंद्र ने डिजिटल प्लेटफॉर्म में कदम रख लिया है। एक लंबे समय बाद कमबैक करने पर एक्टर ने भास्कर से खास बातचीत की है। इसी दौरान उन्होंने बेटी के काम से जुड़ी भी कई दिलचस्प बातें की हैं।
एकता के शो नहीं देखते थे जितेंद्र
मैं एकता को ना नहीं बोल सकता हूं। जब उसने कहा कि पापा आपको ये शो करना हैं तो मैंने तुरंत हामी भर दी। मैं एकता के शोज देखता नहीं हूं, कई साल हो गए मुझे उसके शोज देखे। इसके पीछे एक बहुत बड़ी वजह हैं। शुरूआत में मैं एकता के हर शोज देखा करता था और उसके हर काम की खूब प्रशंसा किया करता था। ये बात तकरीबन 23 -24 साल पहले की है जब एकता ने अपना करियर शुरू किया था। उस वक्त उसके कुछ शोज अच्छे नहीं बने थे, इसके बावजूद मैं उसकी तारीफ करता था। अब अपनी बेटी के काम को कोई कैसे क्रिटिसाइज करे? एकता समझ गई थी कि मैं उसके काम को लेकर निष्पक्ष हूं। बस, मैंने तब से उसके शोज देखने ही बंद कर दिए। मैंने 'बारिश' का पहले सीजन के कुछ एपिसोड्स देखें थे और मुझे वो काफी पसंद आए। यह भी एक वजह थी शो को 'हां' कहने की।
न्यूकमर जैसी फीलिंग थी:मैं शो को लेकर बहुत नर्वस था। मुझेडर था कि लोगों को ये ना लगे कि मैं एक्टिंग भूल गया हूं। सालों बाद कैमरा फेस कर रहा था, ऊपर से डायलॉग्स भी काफी लम्बे थे और इस उम्र में लाइंस याद रखना काफी मुश्किल होता हैं। सच कहूं तो मैं तो भूल चूका था की मैं कभी एक्टर भी था। इंडस्ट्री में जैसे एक न्यू कमर आता हैं, वैसी फीलिंग थी। जब सेट पर गया, तो थोड़ा चिंतित भी थाहालांकि टीम ने मुझे काफी कम्फर्टेबल किया। सच कहूं तो ये सब मैंनेसिर्फएकता के लिए किया। इन दिनोंमैं कंस्ट्रक्शन बिजनेस में ध्यान लगा रहा हूं।
अब वो जोश और जुनून नहीं हैं:एक वक्त था कि जब फिल्म के अलावा मेरी जिंदगी में कुछ था ही नहीं। उस वक्त मैं अपने परिवार वालों का भी ध्यान नहीं दे पाया। मेरे बच्चे - एकता और तुषार कब बड़े हो गए पता ही नहीं चला। एक वक्त था कि मेरी फिल्में काफी हिट हुई और फिर एक वक्त आया की मेरी फिल्में चलना बंद हो गई थी। पाइरसी की वजह से लोग ने थिएटर आना कम कर दिया, जिसकी वजह से फिल्म चलती नहीं थी। बस यही वजह थी कि मैंने फिल्में करनी कम कर दीं। उसके बाद भी मुझे कोई बड़े ऑफर्स नहीं आए, शायद लोगों को लग रहा था की मैंने फिल्में करना बंद कर दी हैं जबकि ऐसा नहीं था। इस वक्त मेरी उम्र के कुछ एक्टर हैं जो अब भी काम कर रहे हैं और बहुत अच्छा कर रहे हैं लेकिन मुझे अब और काम करने की कोई इच्छा नहीं हैं। मेरे अंदर अब वो जोश और जुनून नहीं हैं।
अपने बच्चों को नहीं दे पाया समय:जिस तरह आज मैं अपने नाती - पोते को वक्त दे रहा हूं या जिस तरह भी उनके साथ आज जी रहा हूं वैसा मैंने अपने बच्चों के साथ भी नहीं जिया। मुझे बहुत बुरा लगता हैं कि मुझसे वो सुनहरे दिन मिस हो गए। जो वक्त एकता, तुषार के लिए था वो उन्हें दे नहीं पाया। हालांकि अब उस कमी को पूरा कर रहा हूं एकता और तुषार के बच्चों के साथ समय बिताकर। देर से आए लेकिन आए तो सही (मुस्कुराते हुए)।
मुझे 'द कपिल शर्मा शो' देखना बहुत पसंद हैं:इन दिनों, टेलीविजन पर कई पुरानी फिल्में देख रहा हूं। मौका मिला तो दिलीप कुमार की फिल्में देखता हूं, मैं उनका बहुत बड़ा फैन हूं। साथ ही कुछ पुराने टीवी शोज भी देखता हूँ। मुझे 'द कपिल शर्मा शो' देखना बहुत पसंद हैं, खासतौर पर उसके पुराने एपिसोड्स। ये शो माहौल को काफी लाइट बना देता है।
मैंज्यादा धार्मिकव्यक्ति नहीं हूं:मैं 'रामायण' या 'महाभारत' जैसे पौराणिक शोज देखना ज्यादा पसंद नहीं करता। मैं इतना धार्मिक व्यक्ति नहीं हूं। इनकी कहानी मुझे पता हैं हालांकि इतना शौक भी नहीं कि मैं इसे स्क्रीन पर देखूं।
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