बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद से ही पूरे देश में सनसनी सी मच गई है। बिग बी के साथ उनके बेटे अमिभेष बच्चन भी नानावटी अस्पताल में कोविड-19 का इलाज करवाने के लिए भर्ती हुए हैं। इससे पहले भी बिग बी कोकई बार गंभीर समस्याओं के चलते अस्पताल में भर्ती करवाया जा चुका है।
कोरोना के इलाज के पहले अमिताभ को 15 अक्टूबर 2019 को मुंबई के नानावटी अस्पताल में किडनी ट्रीटमेंट के लिए एडमिट करवाया गया था। हालांकि इस खबर को पूरी तरह से गोपनीय रखा गया था। बिग बी के मेकअप आर्टिस्ट दीपक सावंत ने उनके एडमिट होने को रूटीन चेकअप की शक्ल दी थी। बिग बी के एडमिट होने के बाद केबीसी 11 की शूटिंग बीच में ही अचानक रोकनी पड़ी थी। लगभग 3 दिनों के ट्रीटमेंट के बाद बिग बी को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया गया था।
9 फरवरी 2018 में भी बिग बी को रूटीन चेकअप के लिए लीलावटी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। ठीक इसी दिन 2018 में बिग बी की फिल्म 102 नॉट आउट का ट्रेलर रिलीज किया गया था। बताया गया था कि उन्हें गर्दन और रीढ़ में दर्द की समस्या थी। अमिताभ बच्चन अक्सर रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल जाते रहते हैं।
साल 2012 में भी, सर्जरी के कारण, उन्हें 12 दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें 200 लोगों ने रक्तदान किया था। एक इंटरव्यू के दौरान बिग बी ने बताया था कि उस दौरान रक्तदान करने वालों में से एक को हेपेटाइटिस बी था। यही उसके साथ भी हुआ। उन्होंने बताया कि वर्ष 2000 में एक रूटीन चेकअप में यह बात सामने आई थी कि मेरा लिवर संक्रमित है। बता दें कि अमिताभ बच्चन अपने लिवर के केवल 25 प्रतिशत हिस्से के साथ जीवित हैं।
2008 में हुए थे लीलावटी में भर्ती
साल 2008 में भी अमिताभ के बर्थडे के चंद दिनों बाद 11 अक्टूबर को उन्हें लीलावटी अस्पताल में एडमिट करवाया गया था। उन्हें लगातार एबडॉमिनल में दर्द की शिकायत थी।
1982 में हुआ था गंभीर हादसा
26 जुलाई 1982 को ‘कुली’ की शूटिंग के दौरान अमिताभ बच्चन एक एक्शन सीन के दौरान घायल हो गये थे। सीन की शूटिंग शुरू होते ही बच्चन साहब गलत टाइमिंग पर जंप कर बैठे। इस वजह से पुनीत इस्सर का जो मुक्का बिग बी को छू कर निकलना था, वो तेजी से लग गया। इतना ही नहीं, पास में पड़ी टेबल भी उनके पेट पर लग गई थी।नके पेट की झिल्ली (जो पेट के अंगो को जोड़े रखती है और केमिकल्स से उन्हें बचाती है) और छोटी अंत फट चुकी थी। बेंगलुरु में उनकी सर्जरी की गई थी।
हादसे के बाद 4 दिन बाद उनकी हालत में कुछ सुधार हुआ था, लेकिन अगले ही दिन जब दोबारा हालत बिगड़ी तो उन्हें मुंबई लाकर ब्रीचकैंडी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। अमिताभ लगभग मौत के मुंह में जा चुके थे। हालांकि, डॉक्टर्स का प्रयास और फैन्स की दुआएं रंग लाईं और 24 सितंबर को 1982 को वे ठीक हो कर घर लौट आए।
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