Friday, September 18, 2020

अभिनेता ने कहा- हमें गूंगा-बहरा बनने के लिए पार्लियामेंट में नहीं भेजा गया है, आखिर यह दोहरे चेहरे की राजनीति क्या है September 18, 2020 at 02:00PM

रवि किशन ने बॉलीवुड में व्याप्त ड्रग्स की बात संसद में उठाई तो जया बच्चन को यह अखर गया। इसी पूरे मसले पर रवि किशन से जानने की कोशिश की तो उन्होंने कहा- एक रेगुलेशन हो गया है। लेकिन हमारे साथ पूरा देश खड़ा हो गया है। बात यह है कि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को क्या देकर जा रहे हैं।

रवि किशन ने कहा, 'देश के स्वच्छता अभियान में हर तरह की गंदगी साफ होनी चाहिए। आदमी शुरुआत अपने घर से ही करता है। अगर हमें कुछ चीजें पता है तो हम उस पर बोलेंगे। लोग हमें चुनकर क्यों भेजे हैं। हमें गूंगा-बहरा बनने के लिए पार्लियामेंट में नहीं भेजा गया है। अब इस पर एक आंदोलन छिड़ गया है। वह भी कलाकार ने छेड़ दिया है। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था।

आखिर आपने शून्यकाल में अपनी बात रखी थी। विस्तारपूर्वक क्या कहना चाहते हैं, जो आपको अखरता है?

रवि- 'मैं सुंदर भारत चाहता हूं, जो देश के प्रधानमंत्री मोदी जी सहित सभी चाहते हैं। मैं ऐसा भारत चाहता हूं, जो देवों की भूमि है। उस पर नशा माफिया का मकड़जाल है, जिसमें युवाओं को खत्म करने की साजिश चल रही है। इसमें पड़ोसी मुल्क भी इंवॉल्व है। इतना ड्रग्स दे दो कि पूरा युवा वर्ग ही खत्म हो जाए। हमारे देश में 65 प्रतिशत युवा वर्ग है। विश्व का सबसे ज्यादा युवा वर्ग हमारे देश में है। यह सोची-समझी साजिश है और इसमें बहुत सारे लोग इंवॉल्व हैं। इंटरनेशनल माफिया भी हैं, इंटरनेशनल ड्रग ट्रैफिकर भी हैं। इसे खत्म करना चाहते हैं।

जया बच्चन की बातों पर क्या कहेंगे?

रवि- 'मैं तो चाह रहा था कि वे मुझे आशीर्वाद देंगी। मेरा समर्थन करेंगी, क्योंकि हम सबके बच्चे फिल्म इंडस्ट्री में हैं। हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे अच्छे माहौल में रहे। यह अमित जी के जमाने में तो था नहीं। आठ-दस साल में यह जो बढ़ा है, वह चरस-गांजा नहीं है। यह केमिकल ड्रग्स है, जो जहर है। हम उसकी बात कर रहे हैं। चरस, गांजा भी गंदा नशा है, पर उससे भी ज्यादा डेंजरस केमिकल ड्रग्स है। इसे कोकीन कहते हैं, एलर्जी कहते हैं, एमजी कहते हैं, इसके कई नाम हैं।

आपको क्या लगता है कि आपके विरोध में उन्होंने क्यों बात उठाई?

रवि- 'वे समाजवादी पार्टी की वरिष्ठ नेता है। यह उनकी विचारधारा है, मुझे लगता है कि उन्हें समझ में ही नहीं आया। समाजवादी पार्टी एक तरफ ब्राह्मणों के पक्ष में परशुराम का मंदिर बनाने की बात कर रही है और उसी पार्टी की वरिष्ठ नेता जया बच्चन से एक ब्राम्हण के बेटे रवि किशन को जलील करवा रही हैं। आखिर यह दोहरे चेहरे की राजनीति क्या है।'



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Ravi Kishan says said - We have not been sent to Parliament to become dumb and deaf, what is this double-faced politics?

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