Saturday, December 26, 2020

'मैंने प्यार किया' के बाद 8 महीने तक सलमान के पास नहीं था काम, मार्केट वैल्यू बनाए रखने के लिए पिता ने बनाई थी रणनीति December 26, 2020 at 02:30PM

सलमान खान 55 साल के हो गए हैं। लीड एक्टर के तौर पर उनकी पहली फिल्म 'मैंने प्यार किया' (1989) थी, जिसने उन्हें रातोंरात सुपरस्टार बना दिया था। लेकिन यह सुपरहिट फिल्म देने और सुपरस्टार्स की कतार में खड़े होने के बावजूद सलमान को करीब 8 महीने तक कोई काम नहीं मिला था।

पिता सलीम ने बनाई थी रणनीति

जसीम खान की बुक 'बीइंग सलमान' के मुताबिक, जब सलमान खान को 6-8 महीने तक काम नहीं मिला तब उनके पिता सलीम खान ने एक रणनीति बनाई। सलमान ने एक इंटरव्यू में कहा था, "मेरे पिता ने जीपी दत्ता से अपील की कि भले ही वे मेरे साथ फिल्म न बनाएं, लेकिन यह घोषणा कर दें कि उन्होंने मुझे फिल्म में साइन किया है। इससे मेरी मार्केट वैल्यू बनी रहेगी। मैंने वह समय देखा है, जब सुपरस्टार बुलाए जाने के बावजूद मैं बेकार बैठा था।"

दूसरी हिट के बाद 6 गुना बढ़ी फीस

पत्रकार विश्वदीप की बुक 'हॉल ऑफ फेम : सलमान खान' के मुताबिक, सलमान की दूसरी बड़ी हिट फिल्म 'सनम बेवफा' (1991) के बाद उनकी फीस 6 गुना बढ़ गई थी। इस बुक में फिल्म के डायरेक्टर सावन कुमार टाक के हवाले से लिखा है, "मैंने उनसे पूछा कि वे मेरी फिल्म 'चांद का टुकड़ा' (1994) के लिए कितनी फीस लेंगे। सलमान ने कहा जो आपने मुझे 'सनम बेवफा' के लिए ऑफर की थी, उससे 6 गुना। मैं तुरंत उनकी मांग पर सहमत हो गया। दूसरे डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स ने भी उन्हें इसी बढ़ी हुई रकम पर साइन किया था।"

बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर भी काम किया

कॉलेज छोड़ने के बाद सलमान खान अपनी पहचान की तलाश कर रहे थे। उन्होंने 1988 में शशिलाल नायर के निर्देशन में बनी जैकी श्रॉफ स्टारर फिल्म 'फलक' में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम किया था। फिर उन्हें कुछ कमर्शियल में देखा गया। लेकिन बड़े पर्दे पर उन्हें पहला ब्रेक डायरेक्टर जेके बिहारी की फिल्म 'बीवी हो तो ऐसी' में मिला।

'बीवी हो तो ऐसी' मिलने के पीछे की कहानी भी दिलचस्प है। दरअसल, जेके बिहारी का ऑफिस गैराज की तरह था और कोई उनकी फिल्म के लिए ऑडिशन देने नहीं आ रहा था। तब बिहारी ने कहा कि वे उनकी बिल्डिंग में आकर रोल मांगने वाले किसी भी इंसान को फिल्म के लिए कास्ट कर लेंगे। जब सलमान ऑफिस में पहुंचे तो बिहारी ने उन्हें कास्ट कर लिया।

बिहारी ने सलमान से कहा था, "यह मत समझना कि मैं तुम्हारे अंदर कोई बात देखकर इम्प्रेस हुआ हूं। तुम सलीम खान के बेटे होने की वजह से भी यह रोल नहीं कर रहे हो। मैंने तय कर लिया था कि अगला जो भी इंसान मेरे ऑफिस में आएगा, वह मेरी फिल्म में आ जाएगा।"

परिवार को नहीं था सफलता का भरोसा

बीइंग सलमान में अभिनेता मोहनीश बहल के हवाले से लिखा है कि सलमान के परिवार को यह भरोसा नहीं था कि वे सफल हो पाएंगे। उनके मुताबिक, सलमान अपने परिवार से छुपकर जिम जाया करते थे और अगर कोई फैमिली मेंबर उन्हें देख लेता था तो वे उसे 100 रुपए की रिश्वत देते थे। ताकि वह उनकी शिकायत न करे।

मोहनीश बहल से सलमान खान की दोस्ती होटल सी-रॉक की जिम में हुई थी। सलमान अपनी स्कूल फ्रेंड शबीना खान के साथ हर रविवार इस होटल के पेमेट क्लब में स्विमिंग करने जाते थे।

ऐसे मिली थी 'मैंने प्यार किया'

ताराचंद बडज़ात्या के पोते सूरज बडज़ात्या राजश्री प्रोडक्शन के बैनर तले 'मैंने प्यार किया' से बतौर डायरेक्टर डेब्यू कर रहे थे। फिल्म के लिए मनोज कुमार के बेटे कुणाल गोस्वामी और दीपक तिजोरी पहले ही शॉर्टलिस्ट हो चुके थे। लेकिन यह फिल्म सलमान की किस्मत में लिखी थी। खुद सलमान ने एक बार अपने इस ब्रेक के बारे में बात की थी।

उन्होंने कहा था, "मेरा सूरज से मिलने जाने का कोई प्लान नहीं था। हनी अंकल (सलीम खान के असिस्टेंट राइटर) ने मुझ पर उनसे मिलने का दबाव बनाया। मैंने सूरज से कहा कि तुम्हारे साथ काम करके अच्छा लगेगा। लेकिन सूरज ने कहा नहीं मैं तुम्हे साइन नहीं कर रहा हूं। मैंने कुणाल गोस्वामी और दीपक तिजोरी को कास्ट कर लिया है।"

सलमान खान ने एक बार पिता सलीम खान से उनके लिए फिल्म लिखने और उन्हें लॉन्च करने के लिए कहा था। लेकिन सलीम ने इनकार कर दिया था। उन्होंने सलमान से कहा था कि बॉलीवुड में सफलता सिर्फ कड़ी मेहनत से प्राप्त की जा सकती है। सलीम खान ने सलमान से स्पष्ट रूप से कहा था कि वे होम प्रोडक्शन में पैसा नहीं गंवाना चाहते।

सलमान के मुताबिक, उन्हें लगा था कि उन्होंने मौका गंवा दिया। हालांकि, हनी अंकल, सलमान की कॉलेज दोस्त शबाना दत्ता, उस वक्त राजश्री के साथ काम रहे राइटर कमर नकवी ने सूरज से सलमान की सिफारिश की। फिर एक दिन उन्हें राजश्री प्रोडक्शन की ओर से ऑडिशन के लिए बुलाया गया। कुछ दिन बाद सूरज बडज़ात्या ने उन्हें अपनी फिल्म में कास्ट कर लिया। बाद में सलमान के कहने पर ही सूरज ने मोहनीश बहल को फिल्म में विलेन का रोल दिया था, जो कि काफी समय से खाली बैठे हुए थे।

ऑडिशन के लिए दोस्त के कपड़े ले गए थे

'मैंने प्यार किया' के ऑडिशन के लिए सलमान अपने दोस्त बंटी वालिया के कपड़े लेकर गए थे। विश्वदीप घोष की बुक 'हॉल ऑफ फेम: सलमान खान' में बंटी के एक स्टेटमेंट को शामिल किया गया है।

बकौल बंटी, "सलमान मेरे घर सुबह-सुबह 6 बजे आ गया। उसने मेरा आधा वार्डरोब खाली कर अपनी कार में पटक लिया। सलमान का पूरा वार्डरोब पहले से ही वहां मौजूद था। उसने पूरे दिन का इंतजाम कर लिया था। मैं बहुत नर्वस था और मुझे इस बात का अहसास भी था कि यह सलमान के लिए बहुत बड़ा मौका था। लेकिन वह हमेशा की तरह शांत और गुमसुम था।"



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27 दिसंबर 1965 को इंदौर, मध्य प्रदेश में जन्मे सलमान ने 1988 में रिलीज हुई फारुख शेख और रेखा स्टारर फिल्म 'बीवी हो तो ऐसी' से बतौर सपोर्टिंग एक्टर डेब्यू किया था।

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