बॉलीवुड डेस्क. 69 साल के हो चुके रजनीकांत ने 1975 में आई तमिल फिल्म 'अपूर्वा रागंगल' में छोटे से रोल से फिल्मों में एंट्री ली थी। वे अब तक 160 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं। लेकिन 44 साल के फिल्मी करियर में कभी उन्होंने किसी ब्रांड को एंडोर्स नहीं किया। तीन साल पहले इसके पीछे की कुछ वजह सामने आई थीं।
अंडरवियर- शू ब्रांड के प्रमोशन के लिए तैयार नहीं
नॉर्थ इंडिया बेस्ड ऐड एजेंसी सेपिएन्ट नित्रो के स्ट्रेटेजिक हेड रोहिताश श्रीवास्तव ने कहा था, 'वे अंडरवियर या शू ब्रांड के प्रमोशन के लिए तैयार नहीं हैं। वे हायर लेवल के लिए बने हैं। उनके फैन्स उनसे यह उम्मीद नहीं रखते हैं कि वे उन्हें बताएं कि क्या कंज्यूम करना है।' रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब एक कोला ब्रांड ने उन्हें 2 करोड़ रुपए से ज्यादा के ऑफर के साथ अप्रोच किया था तो उन्होंने कंपनी के एग्जिक्यूटिव से मिलने तक से इनकार कर दिया था।
फैन्स की नजर में भगवान, इसलिए एंडोर्समेंट से दूर
एक ऐड फिल्म्स और टैलेंट मैनेजमेंट कंपनी के सीनियर एग्जिक्यूटिव थेरॉन कारमेन ने एक बातचीत में कहा था कि रजनीकांत इसलिए किसी ब्रांड को एंडोर्स नहीं करते, क्योंकि उन्हें फैन्स के बीच भगवान की तरह माना जाता है। वे कहते हैं-क्या कभी आपने भगवान को कोक बेचते देखा है? यह एक तरह से उनकी वफादारी सुनिश्चित करता है।
यह एंडोर्समेंट वर्ल्ड की एक फ्लिपसाइड भी है। जब भी किसी प्रोडक्ट में कोई गड़बड़ी निकलती है तो सेलिब्रिटीज को निशाने पर लिया जाता है। यह कोई नहीं समझना चाहता कि किसी ब्रांड ने प्रमोशन में जो वादा किया है, उसकी डिलीवरी की क्षमता पर सेलेब्रिटीज का कोई नियंत्रण नहीं होता। शायद एक वजह यह भी है कि रजनी एंडोर्समेंट से हमेशा दूर रहते हैं।
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