बॉलीवुड डेस्क. अक्षय खन्ना की मानें बॉलीवुड के प्रभावशाली लोगों से नजदीकियां काम मिलने की गारंटी नहीं है। उन्होंने एक इंटरव्यू में इस बात को करन जौहर का उदाहरण देकर समझाया। वे कहते हैं, "मान लीजिए मैंने करन जौहर की 10 पार्टियां अटेंड की। लेकिन क्या इससे यह सुनिश्चित है कि वे मुझे अपनी अगली फिल्म में कास्ट करेंगे? मुझे नहीं लगता कि अगर कोई मुझे अपनी फिल्म में लेना चाहता है तो वह सिर्फ इसलिए मना कर देगा, क्योंकि मैंने करन की पार्टी शामिल नहीं हुआ।"
'सब कुशल मंगल' के प्रमोशन में व्यस्त अक्षय
अक्षय इन दिनों अपनी कॉमेडी फिल्म 'सब कुशल मंगल' के प्रमोशन में व्यस्त हैं, जो 3 जनवरी 2020 को रिलीज होगी। कॉमेडी जॉनर में इससे पहले उन्होंने 'गली गली चोर है' (2012) की थी। जब इंटरव्यू में दौरान उनसे पूछा गया कि इतने सालों तक वे कॉमेडी फिल्मों से दूर क्यों रहे तो उन्होंने कहा, "कई सालों से कॉमेडी के नाम पर द्विअर्थी फिल्में रिलीज हो रही हैं। मैं ऐसी फिल्मों से नहीं जुड़ना चाहता, जिनमें एडल्ट ह्यूमर हो और जिन्हें फैमिली ऑडियंस नहीं देख सकती।"
फिल्म फ्लॉप होने से पड़ता है छवि पर असर
अक्षय खन्ना कहते हैं कि अगर किसी अभिनेता की कोई फिल्म फ्लॉप होती है तो इसका नकारात्मक प्रभाव उसकी छवि पर पड़ता है। एक ओर जहां प्रोड्यूसर्स को नुकसान उठाना पड़ता है तो वहीं अभिनेता की ब्रांड वैल्यू भी कम हो जाती है। हालांकि, अक्षय यह भी मानते हैं कि ईमानदारी से किया गया काम पर्दे पर दिखाई देता है। यही वजह है कि उनकी फिल्में फ्लॉप होने के बावजूद इंडस्ट्री में उन्हें लगातार काम मिल रहा है।
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