Thursday, January 30, 2020

रोहित शेट्टी बोले- इंसाफ दिलाने के लिए अगर पुलिस को कानून तोड़ना पड़े तो वह गलत नहीं January 30, 2020 at 04:30PM

बॉलीवुड डेस्क (अमित कर्ण). बॉक्स ऑफिस पर ‘सिंघम’ और ‘सिम्बा’ जैसी कॉप ड्रामा फिल्में दे चुके रोहित शेट्टी विल स्मिथ की फिल्म 'बैड ब्वॉयज' के साथ इंडिया में एसोसिएट हुए हैं। फिल्म शुक्रवार (31 जनवरी) को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। रोहित का मानना है कि अगर पुलिस कानून तोड़ कर भी इंसाफ दिलाए तो वह कहीं से गलत नहीं है। दैनिक भास्कर से खास बातचीत ने उन्होंने अपना नजरिया साझा किया।

सवाल : 'बैड ब्वॉयज' से ही क्यों एसोसिएट क्यों हुए? जाहिरतौर पर पहले भी ऑफर आए होंगे। वे ऑफर कौन-से थे?

जवाब : ऑफर्स तो इससे पहले दो तीन और आए थे। 'बैड ब्वॉयज' को लेकर लगा कि मैं इसमें कुछ कंट्रीब्यूट कर सकता हूं। जिस तरह की फिल्में मैं बनाता हूं, उस तरह की खुशबू इसमें है। मैं सिर्फ जुड़ने के लिए इससे नहीं जुड़ा हूं। मुझे लगा कि यह करेक्ट फ्रेंचाइजी है। मैं इसके साथ जस्टिस कर सकता हूं। तभी मुझे जब इस फिल्म का ऑफर आया तो मैं मना नहीं कर सका।

सवाल : 'बैड ब्वॉयज' में भी कानून तोड़कर लोगों की हिफाजत की जाती है। यहां की कॉप ड्रामा फिल्मों में भी यही होता है। इस तरह का कॉन्सेप्ट लोगों को क्यों पसंद आता है?

जवाब : अगर 'सिम्बा' चली है तो जाहिर है कि लोगों को यह कॉन्सेप्ट पसंद आता है। मेरा मानना है कि अंत में न्याय होना चाहिए। वो कैसे होता है, वह अहम नहीं है।

सवाल : रोहित शेट्टी को स्टोरी आइडिया कैसे और कहां से आते हैं? वे किन चीजों पर नजर रखते हैं?

जवाब : जो भी हमारी सोसाइटी और देश के इर्द-गिर्द हो रहा है, वहीं से हम आइडियाज लेते हैं। उन्हें प्रासंगिक बनाने की कोशिश करते हैं। जो सबसे अहम चीज ध्यान में रहती है, वह है ऑडियंस। एक पर्टिकुलर जॉनर है हमारा, जो लोग देखने आते हैं। मेरी जिम्मेदारी है कि मैं अपने जॉनर पर ईमानदारी से काम करूं। लोग बड़ी उम्मीद से मेरी फिल्में देखने आते हैं। लिहाजा हमेशा दिमाग में रहता है कि जो भी करूं, पिछली फिल्म से बेहतर करूं।

सवाल : नए साल में किस रिजॉल्यूशन को आप पूरा कर रहे हैं?

जवाब : मैं इन सब चीजों को मानता ही नहीं हूं। कुछ लोग नए साल के पहले वीक में जिम में रहते हैं, पर चंद दिनों बाद ही वहां से गायब पाए जाते हैं। कुछ एक जनवरी को दारू छोड़ चुके होते हैं, लेकिन 8, 10 जनवरी के बाद देखो तो वे फिर से वही गटकते नजर आते हैं। तो मैं रिजॉल्यूशन को मानता ही नहीं हूं। इसे मैं सबसे स्टुपिड चीज मानता हूं। एक हैबिट होती है। लाइफस्टाइल होती है, जिन्हें आप साल दर साल चेंज नहीं कर सकते।



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Rohit Shetty Interview: Director Shared His Thoughts About The Duty Of Police

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