एक्टर इरफान खान अपने टेलीविजन करियर के दौरान एक्टर शाहबाज खान और मुकेश खन्ना के साथ दो सीरियल्स द ग्रेट मराठा और चंद्रकांता में काम कर चुके हैं। एक्टर के अचानक हुए निधन पर उनके को-एक्टर्स ने उनके काम और लगन का किस्सा सुनाते हुए पुराने दिनों को याद किया है।
सेट पर हर कोई उनकी सरलता और मेहनत की तारीफकरता था
‘मैंने और इरफ़ान खान ने सबसे पहले 'द ग्रेट मराठा' में काम किया था जिसे संजय खान ने प्रॉड्यूस किया था। उस शो में वे नजीब खान रोहिला का किरदार निभा रहे थे। शूटिंग के दौरान, सेट पर हर कोई उनकी सरलता और मेहनत की तारीफ़ करता था। मुझे याद हैं हमारे डायरेक्टर कहां करते थे की इरफ़ान तुम्हारे अंदर कला का भंडार हैं जिसके बारे में उन्हें खुद नहीं पता। बतौर एक्टर तो लोग उनसे प्रोत्साहित होते ही हैं लेकिन उससे ज्यादा उनकी रियल ज़िन्दगी काफी प्रोत्साहित हैं। जब कुछ नहीं था तब तो वे सरल और साधी ज़िन्दगी जीते ही थे लेकिन सब कुछ होने के बाद भी उन्होंने अपनी सादगी नहीं छोड़ी। मैंने उनकी ज़िन्दगी के दोनों पहलु देखें हैं’।
पेकअप के बाद भी असिस्टेंट डायरेक्टर को पकड़कर उनके पीछे पड़ जाते थे:
'द ग्रेट मराठा' के सेट पर उनका काम के प्रति उनका जज्बा किसी से छुपा नहीं था। मुझे याद हैं उस जमाने में जब शूटिंग का पैकअप हो जाता था तब हम सभी अपने रूम में चले जाते थे आराम करने के लिए, लेकिन इरफान खान पेकअप के बाद भी असिस्टेंट डायरेक्टर को पकड़कर उनके पीछे पड़ जाते थे। जब तक उनको अगले दिन की स्क्रिप्ट नहीं मिलती थी तब तक वो सेट से हिलते नहीं थे। अगले दिन का स्क्रिप्ट लेकर जाते थे, खूब प्रैक्टिस करते और फिर दूसरे दिन कैमरा के सामने आते। जिस तरह वो अपनी एक्टिंग से मोहब्बत करते थे वो देखकर सेट पर मौजूद हर व्यक्ति हैरान रह जाता था। मुझे याद हैं हमने एक सीन शूट किया था उस फ्रेम में हम दोनों थे। मेरी एक्टिंग देखकर इरफ़ान मेरी काफी तारीफ़ करने लगा और कुछ देर बाद जब वो सीन दोबारा शूट हुआ तो इरफ़ान ने उससे भी ज़बरदस्त परफॉरमेंस दिया। सभी लोग उनकी तारीफ़ करने लगे और यकीन मानिये उस सीन में मैं कहीं नज़र ही नहीं आता। ऐसे थे इरफ़ान खान।
शो की शूटिंग जयपुर में हुआ करती थी जहां इरफ़ान रहा करते थे। शूटिंग के दौरान उनकी मां मौजूद हुआ करती थी। कई बार इरफ़ान के साथ-साथ हम सभी के घर का खाना लाया करती थी और हम सब मिलकर उनके साथ सेट पर वक्त बिताते।
इसीलिए उन्होंने 'चंद्रकांता' के लिए हामी भरी....
‘शुरुआत में वे 'चंद्रकांता' सीरियल नहीं करना चाहते थे क्योंकि उनका फोकस केवल फिल्म ही था। उस वक्त मैं शो का लीड रोल निभा रहा था। एक बातचीत के दौरान मैंने इस शो का एक्सपीरियंस शेयर किया और बातों ही बातों में ये शो करने की बात रखी। उस वक्त उनके पास कोई प्रोजेक्ट नहीं था और इसीलिए उन्होंने 'चंद्रकांता' के लिए हामी भरी। उनके करैक्टर काफी पॉपुलर हो गया था’।
मुकेश खन्ना ने शेयर किया अनुभव
‘एक दिन जब मैं संजय खान के साथ बैठकर शूटिंग देख रहा था तब मैंने संजय से कहा था कि लड़का बहुत ही अच्छा है कमाल का एक्टर है। जिस पर संजय खान ने कहा था कि यह कमाल का डायलॉग बोलता है। उनकी एक्टिंग इतनी नेचुरल एक्टिंग हुआ करती थी कि उनकी आंखें बोलती थी’।
इस नुकसान को कभी भरा नहीं जा सकता
‘मैं उनकी एक्टिंग की जितनी भी तारीफ करो वह सब कम है जिस तरीके से मक्खन में से चाकू निकाल लो पता नहीं चलता ठीक उसी तरीके से वह एक्टिंग किया करते थे इस तरीके से आप किया करते थे जिस तरीके से मानो कोई फर्क ही नहीं लग रहा हो सारी चीजें अपने आप हो रही हैं आसानी से ऑपरेशन किया करते थे डायलॉग बोल दिया करते थे सबसे अच्छे एक्टर की निशानी है और उनकी तारीफ होती है और मैं बस यही कहूंगा कि इंडस्ट्री का काफी बड़ा लॉस है काफी छोटी उम्र में हमें छोड़ चला गया है और चंद्रकांता की बात करो तो मुझे याद है वह पूरी रात शूटिंग किया करते थे’।
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