एक्ट्रेस ईशा गुप्ता जल्द ही गोल्डी बहल के निर्देशन में बनी वेब सीरीज 'रिजेक्ट एक्स 2' में नजर आ रही हैं। इसकी स्ट्रीमिंग 14 मई से जी 5 एप्प पर हो रही है। हाल ही में भास्कर को दिए एक इंटरव्यू में ईशा ने अपने किरदार और करियर से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें शेयर की हैं।
इस किरादर के लिए कया तैयारियां की थीं?
इस किरदार के लिए बहुत ज्यादा अलग से कोई तैयारी नहीं की थी। गोल्डी सर का ख्याल क्लियर था कि वह आज की ऑफिसर है और एक स्ट्रांग वूमेन है। यह एक थ्रिलर स्टोरी है और इसमें उसे आज के बच्चों के साथ डील करना पड़ रहा है। आज की यंग जनरेशन को लगता है कि उन्हें सबसे ज्यादा पता हैं। उनसे डील करते वक्त आपको दिखेगा कि कैसे हर कोई घुमा रहा है। ये बात आपको ट्रेलर में भी दिखेगी कि यह मेरा आखिरी केस है तो हर हालत में मैं उसे सॉल्व करना चाहती हूं।
इस जेनरेशन की ओवर अचीवमेंट वाली सोच पर आपके क्या विचार हैं?
ओवर अचीवमेंट मेरे लिहाज से एक अच्छी चीज है ,मुझे लगता है कि सपना हमेशा बड़ा होना चाहिए मगर मेरे लिहाज से आज की पीढ़ी बिना मेहनत के ओवर अचीव करना चाहती हैं जो कि गलत है । क्योंकि उन्हें लगता है वे सोशल मीडिया पर यह कर देंगे वह कर देंगे, लेकिन उनकी अपनी पर्सनालिटी कुछ नहीं।
पुलिस ऑफिसर के किरदार के लिए कौन था इंस्पिरेशन?
मुझे वर्दी से बहुत प्यार है मेरे पिताजी ऑफिसर थे। वो एयरफोर्स में थे उनका रिटायरमेंट हुआ है। वर्दी का एक अलग भारीपन होता है तो मैंने कई किरदार किए हैं और मैंने देखा है की वर्दी पहनने के बाद एक अलग ही कॉन्फिडेंस आता है अलग ही सर ऊपर होता है। मुझे पुलिस वालों के लिए या हर वर्दी वाले के लिए रिस्पेक्ट बहुत ज्यादा है और मैं खुश हूं कि मुझे इस तरह के रोल मिलते हैं। मेरे दिल में हमेशा से वर्दी के लिए एक सॉफ्ट कॉर्नर रहेगा।
रियल लाइफ में कौन सा केस सॉल्व करती ?
हैदराबाद रेप केस में जो कनविक्ट्स हैं मैं निर्भया केस में वह कर पाती जिसको इतना लंबा खींचा गया। एक औरत होने के नाते मैं उस दर्द को समझ सकती हूं कि एक औरत के साथ रेप होना, छेड़खानी होना और जब बुरी तरीके से देखता है तो हमें ही पता होता है तो कितना बुरा लगता है। अगर मैं सच में पुलिस वाली होती तो हैदराबाद पुलिस की तरह एनकाउंटर कर देती। सच में मैं यह जरूर करना चाहती।
अब तक का सबसे चुनौतीपूर्ण किरादर कौन सा है?
मुझे अपना हर किरदार बेहतर लगता है और हर किरदार को उतनी ही मेहनत से मैं निभाती हूं । मुझे खुद को स्क्रीन पर देखना अच्छा लगता है और मैं खुद की क्रिटिक हूं, मैं नहीं कहती कि मैं बेस्ट एक्टर हूं मगर मैं आज जहां भी हूं अपने कैलिबर के दम पर हूं। फिल्म रुस्तम के नेगेटिव किरदार ने मेरी जिंदगी बदल दी थी। मैंने नेगेटिव रोल किए हैं मगर वो अलग थे। लेकिन इस तरह का किरदार निभाना अच्छा लगता है। मेरी लाइफ में सबसे मुश्किल रोल राज 3D में था। वह बहुत ही इमोशनल रोल था। लेकिन रुस्तम का रोल सच में ग्रेट था। लाइफ चेंजिंग रोल था । चेहरे पर हंसी नहीं लाना हमेशा एटीट्यूड में रहना सच में मुश्किल था ।
लाइफ में रिजेक्शन मिला हो किसी कारण ?
जी वह तो मेरी लाइफ में बहुत हुआ है जब भी हम ऑडिएंस देते हैं। उससे मुझे फर्क नहीं पड़ता क्योंकि यह जरूरत और फिट होने की बात है आप वहां फिट नहीं है तो कोई नहीं।
‘समाज को डरपोक लड़कियां पसंद है’- ईशा गुप्ता
मुझमे कॉन्फिडेंस बहुत है मुझे ऐसा लगता है हमारा समाज बहुत ही ज्यादा मेल डोमिनेटेड है। वे किसी भी कॉन्फिडेंट औरत को देखते है तो उन्हें पसंद नहीं है चाहे वो किसी भी फील्ड में हो। सोसाइटी को डरपोक महिलाएं पसंद है और फिल्मो की बात करूं तो पहले मैं स्टोरी सुनती हूं रोल सुनती हूं तो फिर मैं खुद से सवाल पूछती हूं इसमें मेरा फायदा है या नहीं। मैं मतलबी हूं।
लॉकडाउन में क्या कर रही हैं
आज 54 दिन हो गए हैं, मैं एकदम अकेली हूं। मैं योगा कर रही हूं। डेनियल गिलबर्ट की किताब स्टम्ब्लिंग ऑन हैप्पीनेस बस मैंने दो पन्ने पढ़े हैं आई लव इट। मैं पूरी तरह अकेली हूं मेरी फैमिली नहीं है, मदद नहीं दोस्त नहीं। सुबह उठकर जब आप वर्कआउट करते हो और फिर अपना खाना बनाते हो, बर्तन धोते हो फिर दोबारा लंच का टाइम हो जाता है, फिर दूसरे काम। मैं बहुत हाइजीनिक हूं मुझे साफ-सफाई बहुत पसंद है ।ऐसे में मुझे बाई की बहुत याद आई मगर कोरोना का एक फायदा है इसके खत्म होते होते हर व्यक्ति हाइजीनिक होने लगेगा।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
No comments:
Post a Comment