टीवी डेस्क. ‘सरस्वतीचंद’, ‘महाकुंभ’, ‘सूर्यपुत्र कर्ण’, ‘काल भैरव रहस्य-2’ आदि मेल ओरिएंटेड शोज में लीड रोल निभा चुके गौतम रोडे़ सोनी सब के चलते शो ‘भाखरवाड़ी’ में एंट्री कर चुके हैं। टेलीविजन के जाने-माने स्टार गौतम ने बताया कि आखिर कैमियो रोल क्यों निभाने के लिए क्यों राजी हुए। साथ ही उन्होंने बताया कि वे इस साल फैमिली प्लानिंग के बारे में सोच रहे हैं। एक्टर ने की भास्कर से खास बातचीत।
आप लीड रोल निभाते आए हैं। अब चलते शो में एंट्री करने का मकसद क्या है?
जी हां, यहां कैमियो कर रहा हूं। मैंने हमेशा से थोड़ा अलग करने के बारे में सोचा है। ‘महाकुंभ’, ‘सूर्यपुत्र कर्ण’, ‘काल भैरव रहस्य-2’ आदि ऐसे शोज किए, जो सीजनल हैं। हां, ‘सूर्यपुत्र...’ थोड़ा लंबा खिंच गया, लेकिन उसकी कहानी तीन से छह की थी। कुछ इंटरेस्टिंग करना चाह रहा था, लेकिन मेरे पास जो भी ऑफर आ रहे थे, वह मनमुताबिक नहीं थे। दूसरी बात जेडी मजीठिया के साथ करियर का पहला शो- ‘बा बहू और बेबी’ किया है।
एक दिन जब उनका फोन आया और वे कहने लगे कि गौतम, ‘भाकरवड़ी’में 15-20 दिन का काम है। क्या करोगे? उन्होंने किरदार के बारे में बताया, जो मुझे डिफरेंट लगा। मैंने सोचा चलो कॉमेडी भी कर लेते हैं। कुछ दिन का काम करके निकल जाएंगे। मुझे शॉर्ट फॉर्म में कुछ करना अच्छा लगता है। मैं डिजिटल प्लेटफार्म पर एंट्री करना चाहूंगा, जहां शॉर्ट फॉर्मेट चीजें बनती हैं। इसकी सबसे बड़ी बात यह होती है कि चार-छह महीने में काम भी निपट जाता है और एक अलग किरदार के बारे में बहुत कुछ सीखने को भी मिलता है।
यह भी बताते चलिए की लॉन्ग टाइम के धारावाहिक में क्यों नहीं काम करना चाहेंगे?
ऐसे शोज चलते रहते हैं, पर थोड़ा टाइम के बाद उसकी कहानी कहां जा रही है, किसी को कुछ समझ में नहीं आता है। फिर तो टीआरपी चलता है। यह अच्छी बात है, सबका घर चलता है। मैं ऐसा नहीं कह रहा हूं कि ऐसे शोज नहीं करूंगा, पर इंटरेस्टिंग चीजें होनी चाहिए। मेरे पास जो भी चीजें आ रही थीं, वे इंटरेस्ट नहीं थीं। ऐसी चीजों को अभी नहीं करना चाहता हूं।
इसमें आपका कैसा किरदार है?
अभिजीत राइटर है। इसकी वाइफ की डेथ लेबर बर्थ में हो गई थी। अब उसका 7 साल का बेटा है। बच्चा स्कूल में जब मां के साथ बच्चों को देखता है, तब वह अपनी मां से मिलना चाहता है। अभिजीत सोचता है कि अपने लिए नहीं, पर बच्चे के लिए शादी कर लेते हैं। वह मैरिज ब्यूरो में एप्लीकेशन भेजता है, जहां पर उसका नाम गायत्री से जुड़ जाता है। गायत्री को भूलने की आदत है। मैरिज ब्यूरो में वह अपने हस्बैंड का नाम लिखवाने के बजाय अभिजीत का नाम लिखवा देती हैं, जहां पर कन्फ्यूजन बढ़ जाता है। आगे अभिजीत घर में सभी महिलाओं का चहेता बन जाता है, वहीं आदमी उससे ईर्ष्या करने लगते हैं।
पिछली बातचीत में बताया था कि एथलीट पर एक स्क्रिप्ट लिख चुके हैं। उसका क्या हुआ?
कोशिश जारी है। पहली बार जब कुछ करते हैं, तब उसे वर्कआउट करने में थोड़ा टाइम लग जाता है। आज नहीं तो कल कुछ न कुछ अच्छा निकलकर आएगा। उस पर काम जारी है। जैसे कुछ होता है, जरूर बताता हूं।
आप डिजिटल प्लेटफॉर्म पर क्यों नहीं कुछ करते, जहां आजकल टेलीविजन के काफी स्टार्स कुछ न कुछ कर रहे हैं?
डिजिटल की काफी कुछ चीजें मेरे पास आ रही हैं, लेकिन कोई ऐसी चीजें नहीं आ रही है, जो मैं कर सकूं। मुझे छोटे-बड़े से कोई प्रॉब्लम नहीं है। बस, कैरेक्टर पसंद आना चाहिए। बेसिकली, मुझे कैरेक्टर निभाने से प्यार है। मेरा मानना है कि जितना करूंगा, उतना ज्यादा सीखने को मिलेगा और ऐसा ही होता है, क्योंकि यह एक ऐसी फील्ड है, जहां पर आप कभी पूरी तरह से नहीं सीख पाते। भले ही कितना काम कर लो, लेकिन जब नया किरदार निभाने की बात आती है, तब उसके लिए जीरो से शुरुआत करनी पड़ती है।
साल 2019 कैसा रहा और 2020 की क्या प्लानिंग है?
2020 में अपने प्रोडक्शन में कुछ सेटल करना चाहूंगा। कितना कामयाब होता हूं, यह अलग बात है। अगर पहली बार कुछ शुरू करते हैं, तब थोड़ा टाइम लग ही जाता है। आशा करता हूं कि 2020 में सेटल कर पाऊं। अच्छे किरदार प्ले करना चाहता हूं।
आपकी शादी को 2 साल होने जा रहे हैं। फैमिली प्लानिंग के बारे में क्या कहेंगे?
जी हां, अभी तो 2 साल पूरे नहीं हुए हैं, लेकिन 2020 में फैमिली प्लानिंग के बारे में जरूर सोच रहा हूं। इस मामले में 2020 मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा। फैमिली सबसे पहले आती है, तब फैमिली और काम भी साथ-साथ चलता रहेगा। इस लिहाज से नए साल में नई-नई चीजें करने का प्लान है।
क्या आगे कहीं घर लेने का प्लान है?
अभी नहीं। अभी तो चीजों में इन्वेस्ट करने का प्लान है। अभी घर नहीं लेना है। डेफिनेटली घर खरीदने का टाइम अच्छा चल रहा है, मगर थोड़ा-सा अलग सोचता हूं। सोच रहा हूं कि थोड़ा काम में इन्वेस्ट कर दिया जाए, जो लाइफ में करना चाहता हूं। घर भी ले लूंगा, ऑलरेडी एक घर तो है। इसे तो इन्वेस्टमेंट के तौर पर ले रहा था। सोचा था कि थोड़ा बड़े घर में शिफ्ट हो जाएंगे। मॉम-डैड, पंखुड़ी और मैं एक साथ ही रहते हैं।
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